Underwear tampering case: केरल हाई कोर्ट ने बुधवार को परिवहन मंत्री एंटनी राजू को 30 पुराने हशीश तस्करी के मामले में बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने राजू के खिलाफ सबूतों से छेड़छाड़ के आपराधिक मामले में निचली अदालत की सभी कार्यवाही पर अस्थायी रोक (स्टे) लगाई है। एंटनी राजू, जनाधिपति केरल कांग्रेस पार्टी के नेता हैं, जो सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा गठबंधन का हिस्सा है।

केरल हाई कोर्ट ने क्या कहा

इस मामले में एंटनी राजू की याचिका को स्वीकार करते हुए जस्टिस ज़ियाद रहमान ए ए ने कहा कि याचिकाकर्ता के खिलाफ आरोपित अपराधों पर केवल संबंधित अदालत या अधिकृत अधिकारी द्वारा शिकायत के आधार पर मुकदमा चलाया जा सकता है, न कि पुलिस द्वारा। कोर्ट ने कहा, रिकॉर्ड के मुताबिक इस मामले में उपरोक्त कार्यवाही का पालन नहीं किया गया है और यह याचिकाकर्ता के पक्ष में एक प्रथम दृष्टया मामला लगता है।

हाल ही में हाई कोर्ट की इसी पीठ ने तिरूवनंतपुरम की निचली अदालत से आपराधिक मामले की सुनवाई में कथित देरी को लेकर रिपोर्ट मांगी थी, जिसमें मंत्री राजू भी आरोपी है। जनाधिपति केरल कांग्रेस पार्टी के नेता और मंत्री के खिलाफ मामला साल 1990 का है, जिसमें एक ड्रग जब्ती मामले में सबूतों के साथ कथित छेड़छाड़ की बात कही गई थी। तब पकड़े गए आरोपी के वकील एंटनी राजू ही थे।

जब वकील थे एंटनी राजू तब लगा था आरोप

एंटनी राजू पर वकील के तौर पर प्रैक्टिस के दौरान सबूतों से छेड़छाड़ करने का आरोप लगा था। मामले के अनुसार, राजू ने तिरुवनंतपुरम अदालत के एक क्लर्क के साथ साजिश रची और सबूत के तौर पर जब्त किए गए उस अंडरगारमेंट को बदल दिया, जिसमें आरोपी ने मादक पदार्थ की तस्करी की थी। इस मामले में मुख्य आरोपी एक ऑस्ट्रेलियाई नागरिक था, जिस पर एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था।

एंटनी राजू का क्लाइंट हो गया था बरी

अंडरगारमेंट को एक महत्वपूर्ण सबूत के रूप में माना गया था और एनडीपीएस मामले की सुनवाई कर रहे मजिस्ट्रेट ने इसे अलग से सुरक्षित रखने का आदेश दिया था। इसी मामले में बाद में जिला अदालत ने ऑस्ट्रेलियाई को 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई थी। हालांकि, जब मामला हाई कोर्ट गया तो एक दिलचस्प और फिल्मी कहानी की तरह आरोपी ऑस्ट्रेलियाई नागरिक को बरी कर दिया गया था।

रहस्यमयी तरीके से बदल गया अंडरगारमेंट का साइज

हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान पाया गया कि निचली अदालत में सबूत के रूप में पेश किए गए अंडरगारमेंट छोटे पाए गए थे, जो आरोपी के साइज के थे ही नहीं। इसी मामले में आरोप लगे थे कि एंटनी राजू ने वकील रहते हुए सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर हाई कोर्ट से आरोपी की रिहाई करा दी।