कर्नाटक के यादगीर जिले के गोगी में डाक विभाग की उप शाखा के दो कर्मचारियों पर पेंशन पाने वाले लोगों के खाते से 1.37 करोड़ रुपए की कथित ठगी का आरोप है। अब इस केस में दो कर्मचारियों और दो अन्य लोगों के खिलाफ गोगी थाने में मामला दर्ज किया गया है। हालांकि, मामला पेचीदा तब और हो गया जब दो आरोपी कर्मचारियों में से एक कर्मचारी ने गिरफ्तारी के डर से कथित तौर पर आत्महत्या कर ली।

पुलिस के मुताबिक, पोस्ट ऑफिस के कर्मचारियों की पहचान इंडी के सरदार नाइक और यादगीर जिले के त्रिशूल के रूप में हुई है। गिरफ्तारी के डर से त्रिशूल ने मामला दर्ज होने से एक दिन पहले कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी। जबकि अन्य दो आरोपी नाइक के रिश्तेदार गुरुराज और नीलेश हैं।

संध्या सुरक्षा योजना के थे लाभार्थी: टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक, गोगी के इंस्पेक्टर अयप्पा ने बताया कि नाइक और त्रिशूल दो साल से बालाबत्ती उप-शाखा पोस्ट ऑफिस में काम कर रहे थे। उन्होंने कथित तौर पर संध्या सुरक्षा योजना के लाभार्थियों को ठगा, जिनमें से कुछ विधवाओं और साथ पेंशन पाने वाले लोगों के खाते थे। पुलिस ने करीब 293 खाताधारकों की पहचान की है, जिनके साथ ठगी हुई है।

293 खातों से की गई ठगी: पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने अपने दोस्तों के फोन नंबरों के इस्तेमाल से 8 अलग-अलग खाते एक ही ब्रांच खोले और फिर उन नंबरों को 293 खाताधारकों से जोड़ दिया। पुलिस निरीक्षक ने कहा कि आरोपियों ने सभी 293 खाताधारकों के खाते से पैसे निकालने के लिए प्रत्येक खाते को लिंक और डीलिंक किया। पुलिस का कहना है कि आरोपियों के दोस्त इस ठगी के मामले से बिलकुल अंजान थे, जिनका नंबर खातों में इस्तेमाल किया गया था।

निष्क्रिय खातों को बनाते थे निशाना: आरोपी उन पेंशन पाने वाले खाताधारकों को निशाना बनाते थे, जिन्होंने पिछले कुछ महीनों से अपने खातों से कोई लेनदेन नहीं किया था। इस तरह दोनों ने खातों से 1.37 करोड़ रुपये निकल गए। नाइक ने धोखाधड़ी से निकले गए कुछ रुपयों को अपने रिश्तेदारों गुरुराज और नीलेश के खातों में भी भेजा। पुलिस के मुताबिक, यह धोखाधड़ी सितंबर 2021 से इस साल के मई के अंत तक की गई थी।

मृतक के खाते से निकाले पैसे और खुली पोल: आरोपियों की पोल तब खुल गई जब उन्होंने ऐसे खतों से पैसे निकाल लिए जिनकी साल भर पहले ही मृत्य हो चुकी थी और उनके खाते निष्क्रिय थे। इसी के चलते जब ऑडिट हुआ तो धोखाधड़ी सामने आ गई। पुलिस निरीक्षक ने कहा, इस मामले में 11 जून को धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था। हालांकि, गिरफ्तारी के डर से एक आरोपी त्रिशूल ने जहर खाकर खुदखुशी कर ली। जबकि अन्य तीन का पता नहीं चल सका है। उन्हें पकड़ने के लिए तलाशी अभियान शुरू किया है।