ISIS Terrorists Arrested In Karnataka: कर्नाटक पुलिस ने शिवमोगा से प्रतिबंधित इस्लामिक स्टेट (आईएस) संगठन से जुड़े दो संदिग्ध आतंकवादियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने कहा कि एक और आतंकी संदिग्ध फरार है। पुलिस के मुताबिक, ये तीनों संदिग्ध भारत में ISIS के प्रभाव को बढ़ाने का काम कर रहे थे।

प्रदेश भर में बम ब्लास्ट की कर रहे थे साजिश

पुलिस ने मामले में जानकारी देते हुए बताया कि तीनों संदिग्धों की पहचान मैंगलोर के माज़ मुनीर अहमद, शिवमोगा के सैयद यासीन और तीर्थहल्ली के शारिक के रूप में हुई है। पुलिस ने बताया है कि माज़ मुनीर और यासीन को गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि शारिक फरार है। उनके अनुसार, तीनों संदिग्ध आतंकवादियों के पास विस्फोटक थे और उन्होंने प्रदेश भर में बम विस्फोट करने की साजिश कर रहे थे।

संदिग्धों पर राष्ट्रीय ध्वज जलाने का भी आरोप

सहायक पुलिस अधीक्षक भद्रावती जितेंद्र कुमार ने शिकायत दर्ज कराते हुए आरोप लगाया कि आरोपी आईएसआईएस से जुड़े हैं और देश के खिलाफ आतंकवादी कृत्यों की साजिश रच रहे थे। संदिग्धों पर राष्ट्रीय ध्वज जलाने का भी आरोप है। आरोपियों को अदालत के सामने पेश किया गया, जिसके बाद उन्हें 20 से 29 सितंबर तक पुलिस हिरासत में लिया गया।

टेरर ग्रैफिटी मामले में जमानत पर थे दोनों आरोपी

पुलिस ने बताया है कि साल 2020 में मैंगलोर में एक टेरर ग्रैफिटी मामले में गिरफ्तार होने के बाद शारिक और माज़ जमानत पर बाहर थे। शिवमोगा ग्रामीण पुलिस स्टेशन ने आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 120बी, 121, 121ए, 34 के साथ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) की धारा 18, 38, 39 और राष्ट्रीय सम्मान के अपमान की रोकथाम की धारा 2 के तहत मामला दर्ज किया है।

गृह मंत्री का भी आया बयान

इस मामले में पीटीआई ने कर्नाटक के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र के हवाले से कहा कि “मुझे इस बारे में जानकारी नहीं है कि वे क्या कर रहे थे और उनकी पृष्ठभूमि क्या थी? शिवमोगा पुलिस जांच कर रही है। हालांकि, हमारे पास इस बात की पुख्ता जानकारी है कि उनके आतंकी संगठन से संबंध हैं। जांच के बाद सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा।”

विवादों में रहा है शिवमोगा

गौरतलब है कि फरवरी में बजरंग दल के एक कार्यकर्ता की हत्या के बाद शिवमोगा साल की शुरुआत से ही सुर्खियों में था। वहीं अगस्त में, विनायक सावरकर के एक पोस्टर को लेकर शहर में झड़पें हुईं, जिसमें कपड़े के दुकान पर काम करने वाले एक कर्मचारी को चाकू मार दिया गया था। पुलिस के मुताबिक, चाकू मारने के मामले में ही संदिग्धों से पूछताछ के दौरान तीनों आरोपियों के इस्लामिक स्टेट से लिंक सामने आए थे।