देश में जालसाज आजकल ठगी के नए-नए तरीकों को ईजाद कर लोगों को चूना लगाने का काम कर रहे हैं। इसी कड़ी में बेंगलुरु से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जहां पांच लोगों के एक गिरोह ने 100 करोड़ का लोन दिलाने के बहाने एक कारोबारी से कथित तौर पर करोड़ों की ठगी कर ली। हालांकि, अब इन पांच लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
घटना की जानकारी देते हुए इलेक्ट्रॉनिक्स सिटी पुलिस ने बताया है कि गिरफ्तार संदिग्धों के बैंक खाते सील कर 23 लाख रुपये नकद बरामद किए गए हैं। ठगी के इस मामले में आरोपियों की पहचान संतोष तिवारी, संजय भूषण शुक्ला, मोहम्मद इमदाद, इलियाज पाशा और मोहम्मद वसीम के रूप में हुई है।
पुलिस के मुताबिक, गिरोह ने एक कपड़ा व्यापारी विंसेट से मुलाकात की थी और उसके कारोबार को बड़ा बनाने के लिए 100 करोड़ रुपये का लोन दिलाने का वादा किया था, लेकिन जैसे ही उन्होंने कारोबारी से एडवांस पैसे उठाए वैसे ही गायब हो गए। इस मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों के खिलाफ 29 जनवरी को धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था।
बता दें कि, पुलिस उपायुक्त (दक्षिण पूर्व) श्रीनाथ महादेव जोशी ने आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए इंस्पेक्टर अनिल कुमार एचडी व सहायक पुलिस आयुक्त (इलेक्ट्रॉनिक्स सिटी अनुमंडल) पवन एम के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया था। इस टीम ने ही मुख्य संदिग्धों द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर, बेंगलुरु में तीन अतिरिक्त लोगों को पकड़ा है।
पुलिस ने बताया कि, पीड़ित कारोबारी विंसेट अपना कारोबार विदेशों में फैलाना चाहता था, लेकिन उसे बड़े स्तर पर (करीब 100 करोड़) लोन चाहिए था। इसी क्रम में विंसेट के एक दोस्त सुब्रमणि ने उसे संजय भूषण शुक्ला से मिलवाया था। ऐसे में शुक्ला ने ही कथित तौर पर 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था करने की पेशकश की थी।
मुलाकात के दौरान, संजय भूषण शुक्ला ने कथित तौर पर विंसेट से कहा था कि काम से पहले उन्हें इतने बड़े अमाउंट का 1 फीसदी भुगतान उसके सुपरवाइजर को करना होगा। जो कि, चंडीगढ़ में एक निजी कंपनी के मालिक हैं। संजय भूषण की बातों पर विंसेट ने हामीं भर दी थी फिर शुक्ला ने 26 जनवरी को इलेक्ट्रॉनिक्स सिटी के एक होटल में मीटिंग की थी।
होटल में मीटिंग के दौरान, विंसेट ने संजय भूषण को 5 लाख और फिर अगले दिन 30 लाख रुपये दिए थे। इसके बाद, 29 जनवरी को फिर से विंसेट ने 63 लाख रुपये एक बैंक खाते में ट्रांसफर किए और 2 लाख रुपये नकद दिए थे। इस दौरान विंसेट को कहा गया था कि शाम तक उनके लोन की पूरी रकम भेज दी जाएगी, लेकिन इसके बाद गिरोह के सदस्य गायब हो गए थे।