कर्नाटक के बेंगलुरु में एक विशेष अदालत ने मंगलवार को एक कैशियर को 2.18 करोड़ रुपये के कानूनी नोटों के साथ जाली नोट बदलने के मामले में सात साल के कारावास की सजा सुनाई। दोषी अधिकारी की पहचान बी. दिनेश के रूप में की गई, जो कर्नाटक के मैसूर जिले में स्टेट बैंक ऑफ मैसूर (वर्तमान में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में विलय हो चुका है) पेरियापटना शाखा में मुख्य कैशियर के रूप में काम करता था।

यह पूरा घटनाक्रम उस दौरान का है, जब देश में केंद्र सरकार द्वारा नोटबंदी का ऐलान किया गया था। जिसमें 500 और 1000 रूपये के पुराने नोटों को चलन से बाहर कर दिया गया था। मैसूर जिले में स्टेट बैंक ऑफ मैसूर में मुख्य कैशियर के रूप में कार्यरत बी. दिनेश ने साल 2016 में 10 से 23 नवंबर के बीच 2.18 करोड़ से अधिक (2,18,46,300) रुपये के वैध नोटों के साथ चलन से बाहर किए गए नोटों की अदला-बदली की थी।

जब इस धोखाधड़ी की बात सार्वजानिक हुई थी तो सीबीआई ने बी. दिनेश के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया था। बी, दिनेश पर पहला आरोप था कि उन्होंने मुख्य कैशियर के पद पर रहते हुए भारत सरकार की अधिसूचना का उल्लंघन करते हुए वैध नोटों के साथ चलन से बाहर किए गए नोटों की अदला-बदली की थी। वहीं, दूसरा आरोप था कि दिनेश ने बैंक के ग्राहकों द्वारा अपने खातों में जमा की गई राशि की जमा पर्चियों पर लिखी गई राशि/आंकड़ों में फेरबदल किया था।

इस मामले में जांच के बाद सीबीआई ने आरोपी बी. दिनेश के खिलाफ 30 नवंबर 2017 को चार्जशीट दाखिल की थी। जिसमें निचली अदालत ने आरोपी को दोषी पाते हुए दोषी करार दिया था। सूत्रों के अनुसार, बी. दिनेश ने कुमार नाम के साहूकार व सोने के जौहरी के साथ नोटों का आदान-प्रदान किया था। इस पूरे प्रकरण के पीछे आरोपी को आकर्षक कमीशन की पेशकश की गई थी।

इस मामले में सीबीआई ने आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात, खातों के साथ फर्जीवाड़े के लिए प्राथमिकी दर्ज की थी। उसके बाद बैंक के उप महाप्रबंधक ने भी शिकायत दर्ज कराई थी। जिसके बाद यह मामला कोर्ट चला गया था और अब एक विशेष अदालत ने बी. दिनेश को कानूनी नोटों के साथ जाली नोट बदलने के मामले में सात साल की सजा सुनाई है।