Kamlesh Tiwari Murder Case: कमलेश तिवारी हत्याकांड में एंटी टेररिस्ट सेल (ATS) ने कार्रवाई की है। एटीएस ने बरेली से एक मौलाना को हिरासत में लिया है। आरोप है कि हिंदू समाज पार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी की हत्या के बाद दोनों आरोपियों ने बरेली आकर मौलाना से मुलाकात की थी। कहा जा रहा है कि मौलाना पर कमलेश तिवारी की हत्या के मुख्य आरोपी शेख अशफाक और पठान मोइनुद्दीन की मदद की थी। बरेली से पकड़े गए मौलाना का नाम सैय्यद कैफी अली बताया जा रहा है। बताया जा रहा है कि सैय्यद कैफी अली दरगाह आला हरजत में मौलाना हैं।
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से यह भी बताया गया है कि शेख अशफाक और पठान मोइनुद्दीन बीते रविवार को हिंदुओं के बड़े नेता कमलेश तिवारी की हत्या के बाद बरेली के एक अस्पताल में अपना इलाज कराया था। इस दौरान मौलाना ने उनकी काफी मदद की थी। ATS अब मौलान को लेकर लखनऊ आएगी और उनसे लंबी पूछताछ किये जाने की संभावना जताई जा रही है।
आपको बता दें कि इससे पहले हत्या के आरोपियों शेख अशफाक हुसैन और पठान मोहइनुद्दीन अहमद उर्फ फरीद की तस्वीर यूपी पुलिस ने बीते सोमवार को जारी की थी। इन दोनों के सिर पर ढाई-ढाई लाख रुपए का इनाम भी रखा गया है। इससे पहले इन दोनों आरोपियों का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर जारी हुआ था।
दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो शाहजहांपुर का है। शाहजहांपुर के इस CCTV फुटेज में दोनों हत्यारे सड़क पर चलते हुए नजर आ रहे थे। उनके कंधे पर एक बैग भी था। हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि अब यह दोनों हत्यारे नेपाल भाग चुके हैं। इस मामले में उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने दोनों आरोपियों पर कार्रवाई करने का भरोसा दिलाया है।
पुलिस को आशंका है कि दोनों सीमा पार कर पाकिस्तान पहुंचने की फिराक में हैं। कुछ ही दिनों पहले दोनों की लास्ट लोकेशन हरियाणा के अंबाला के पास मिली थी जो बाघा बॉर्डर से 285 किलोमीटर दूर है। बीते शुक्रवार को वारदात को अंजाम देने के बाद ये दोनों आरोपी हरदोई, बरेली, मुरादाबाद, गाजियाबाद के रास्ते चड़ीगढ़ की तरफ गए थे।
दोनों आरोपी सात से आठ घंटे में अपना फोन ऑन कर रहे हैं और फिर उसे स्विच ऑफ कर दे रहे हैं। हालांकि बाद में पुलिस ने कहा कि दोनों आरोपियों ने कॉल ट्रेस होने के डर से अपना फोन बंद कर दिया है और राहगीरों से किसी बहाने फोन मांग कर बात कर रहे हैं। (और…CRIME NEWS)

