उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से एक चौंकाने वाला सामने आया है, जहां एक अवर अभियंता (जेई) रिटायर होने वाली तारीख के बाद भी नौकरी करता रहा। हद तो तब हो गई जब इस बात को साल भर बीत गए और जेई तनख्वाह भी लेता रहा। इतनी बड़ी लापरवाही की भनक साल भर तक किसी उच्च अधिकारी को भी नहीं हुई। हालांकि, अब जेई की पेंशन में सौ फीसदी कटौती के आदेश दिए गए हैं।
यहां का है मामला: दरअसल, मामला प्रयागराज के विद्युत विभाग वितरण खंड द्वितीय में तैनात जेई सैयद अली अहमद जैदी की सेवानिवृत्ति (रिटायर) से जुड़ा हुआ है। जो रिटायर होने के एक साल बाद तक सेवा में बने रहे और विभाग उन्हें वेतन भी देता रहा। जब यह मामला सामने आया कि एक जेई रिटायर होने की तारीख से एक साल ज्यादा तक काम करके वेतन लेता रहा तो वरिष्ठ अधिकारियों ने जांच बैठाई।
उच्च अधिकारियों पर भी एक्शन: इस जांच में सभी आरोपों की पुष्टि हुई जिसके बाद प्रयागराज क्षेत्र के तत्कालीन मुख्य अभियंता (वितरण) ओम प्रकाश यादव की पेंशन से तीन प्रतिशत कटौती तथा संबंधित जेई जैदी की पेंशन में सौ प्रतिशत कटौती के आदेश जारी किए गए हैं। इस मामले में तीन अन्य अधिकारियों पर भी कार्रवाई की गई है। साथ ही पॉवर कॉर्पोरेशन के चीफ एम. देवराज ने कार्रवाई संबंधी आदेश भी 21 जून को जारी कर दिए।
इस तारीख पर होना था रिटायर: इस मामले में पॉवर कॉर्पोरेशन मैनजमेंट ने बीते साल 19 फरवरी को जांच समिति ने इस मामले में जांच शुरू की थी और अक्टूबर 2021 में इसकी रिपोर्ट दोबारा से पॉवर कॉर्पोरेशन मैनजमेंट को सौंप दी थी। जांच में सामने आया था कि जेई अहमद जैदी के रिटायर होने की तारीख 30 जून 2018 थी, लेकिन वह 30 जून 2019 तक विभाग में सेवाएं देते रहे।
जेई का व्यवहार ‘कपटपूर्ण’: जांच समिति ने बताया कि जेई अहमद जैदी का नैतिक कर्त्तव्य था कि वह अपने उच्च अधिकारियों के संज्ञान में अपने रिटायर होने की बात लाते और तय तारीख पर पद से मुक्त हो जाते, लेकिन उन्होंने कोई कदम नहीं उठाया और एक साल तक वेतन लेते रहे। यह एक अधिकारी के तौर पर कपटपूर्ण व्यवहार है तो है ही बल्कि उन्होंने विभाग को भी 10.97 लाख रूपए की क्षति पहुंचाई। चौंकाने वाली बात यह है कि जेई के रिटायर होने की बात अधिकारियों को 9 अगस्त 2019 को पता चली, उसके बाद यह कार्रवाई शुरू की गई थी।
जौनपुर में दो साल से ड्यूटी से गायब हैं डॉक्टर: जौनपुर से भी एक मामला सामने आया है, जिसमें दो चिकित्साधिकारी बिना किसी सूचना के लगभग 2 सालों से अनुपस्थित हैं। जब यह मामला सामने आया तो उत्तर प्रदेश के तेज तर्रार उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने दोनों चिकित्साधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। इसके अलावा, उन्होंने विभागीय कार्यवाही सुनिश्चित करने हेतु सक्षम अधिकारियों को निर्देश दिये हैं।