झारखंड में एक पुलिस स्टेशन में नौकर के तौर पर काम करने वाले युवक के बारे में बड़ा खुलासा हुआ है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि इस युवक को पुलिस ने चोरी के आरोप में पकड़ा था और फिर उसे पुलिस स्टेशन का नौकर बना कर रख लिया। मामला जमशेदपुर के सिदगोड़ा थाने का है। बताया जा रहा है कि बागुनगर के रहने वाले अजय रविदास को पुलिस ने इसी साल 29 फरवरी को चोरी के आरोप में गिरफ्तार कर थाने लाई थी।
लेकिन चोरी के आरोपी पर पुलिस ने आगे की कानूनी कार्रवाई करते हुए उसे जेल नहीं भेजा बल्कि थाने का नौकर बना लिया। ‘न्यूज 18’ की रिपोर्ट के मुताबिक 2 महीने से अजय इस थाने में हर वो काम करता है जो आम तौर पर घरों में किसी नौकर से लिया जाता है। इसमें जूठे बर्तन साफ करने, झाड़ू-पोछा लगाने, पुलिस की गाड़ी धोने समेत अन्य काम शामिल हैं।
बताया जा रहा है कि अजय को मोबाइल चोरी करने के आरोप में पकड़ा गया था। अजय अपनी मां का इकलौता बेटा है। अजय और उसकी मां ने आरोप लगाया है कि थाने में काम करने के एवज में उसे 10-20 रुपए पुलिस वाले दिया करते हैं। इतना ही नहीं उसे सिर्फ थोड़ी देर के लिए मां की देखभाल करने के लिए घर जाने की इजाजत पुलिस स्टेशन के कर्मियों ने दे रखी है।
अजय की मां का अब कहना है कि उनका बेटा घर आना चाहता है। लेकिन पुलिस वाले उसे जेल भेजने की धमकी देकर खामोश कर देते हैं। इस मामले के उजागर होने के बाद थाने में तैनात पुलिसकर्मियों के बीच हड़कंप मच गया है।
अजय की मां का आरोप है कि पुलिस उनके बेटे को मेहनताना नहीं देती और उनका बेटा ही इस बुढ़ापे में उनका सहारा है। हालांकि अब इस पूरे मामले में सिंदगोड़ा थाना प्रभारी की तरफ से सफाई भी दी गई है।
यहां के थाना प्रभारी मुकेश ठाकुर ने कहा है कि अजय को चोरी के आरोप में पकड़ा गया था लेकिन उसकी मां के बुढ़ापे को देखते हुए उसे जेल नहीं भेजा गया था। उनका कहना है कि अजय की संगत सुधाने के लिए उसे थाने में काम दिया गया है और उसे 200 रुपए दिहाड़ी भी दी जाती है।