निलंबित भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा द्वारा पैगंबर के बारे में टिप्पणी के खिलाफ बीते शुक्रवार की नमाज के बाद जामा मस्जिद में विरोध प्रदर्शन हुआ था। प्रदर्शन के एक दिन बाद दिल्ली पुलिस ने मस्जिद परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज ने खंगाला। शुरुआती जांच में पुलिस ने पांच लोगों की पहचान की है और दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। साथ ही बताया गया है कि लोगों को व्हाट्सएप ग्रुप्स के जरिये जुटाया गया था और प्रदर्शन की योजना पहले से ही बना ली गई थी।
जानकारी देते हुए डीसीपी (मध्य) श्वेता चौहान ने कहा कि अनुमति के बिना विरोध प्रदर्शन करने के लिए हमने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 188 के तहत मामला दर्ज किया है। हम जांच में जैसे-जैसे आगे बढ़ेंगे घटनाक्रमों के मुताबिक मामले में और अधिक धाराएं जोड़ी जाएंगी। दिल्ली पुलिस ने अपनी जांच के हिस्से में पाया है कि लोगों को व्हाट्सएप ग्रुप के जरिये जुटाया गया था।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, केंद्रीय जिला पुलिस को इन समूहों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिली है और अधिक जानकारी जुटा रही है। डीसीपी ने कहा कि जामा मस्जिद शुक्रवार की नमाज के लिए लगभग 1,500 लोग जमा हुए थे, जिनमें से 150 ने बाद में तख्तियों के साथ विरोध करना शुरू कर दिया। इसके बाद यह संख्या बढ़कर 300 हो गई।
डीसीपी के मुताबिक, इस प्रदर्शन में जुटी भीड़ को पुलिस ने 10-15 मिनट में शांतिपूर्वक ढंग से नियंत्रित कर लिया था। चूंकि विरोध बिना अनुमति के हुआ था, इसलिए हम कुछ लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे जिनकी पहचान की गई है। हालांकि, नमाज के बाद जिस तरह से लोग परिसर में बैनर और तख्तियों के साथ इकट्ठा हुए, उससे पता चलता है कि यह घटनाक्रम सुनियोजित था।
सूत्रों ने बताया कि गुरुवार रात को ही विशेष शाखा को सूचना मिली थी कि जामा मस्जिद में निलंबित भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा और दिल्ली भाजपा की मीडिया इकाई के प्रमुख नवीन कुमार जिंदल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन होगा। सूचना के आधार पर व प्रदर्शन की आशंका के चलते केंद्रीय जिला पुलिस ने सुरक्षा का इंतजाम किया था।