इजरायल के साथ चल रहे संघर्ष के बीच फिलिस्तीन के समर्थन में परिसर में मार्च निकालने के लिए पुलिस ने सोमवार को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) के चार छात्रों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। सोमवार सुबह से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर चल रहे मार्च के वीडियो को देखकर राजनीतिक नेताओं द्वारा एतराज जताए जाने के बाद अलीगढ़ पुलिस हरकत में आई। एएमयू पुलिस चौकी के सब इंस्पेक्टर (SI) अज़हर हसन ने सोमवार दोपहर सिविल लाइंस थाने में प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज कराई।

आईपीसी की कई धाराओं में केस दर्ज कर जांच और कार्रवाई शुरू, मामले में चार छात्र नामजद

अलीगढ़ के पुलिस अधीक्षक (SP) मृगांक शेखर पाठक ने कहा, “मामले में चार छात्रों को नामजद किया गया है और कई आरोपी छात्रों की अभी पहचान नहीं की गई है। उन सभी पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 153 ए (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 188 (लोक सेवक द्वारा घोषित आदेश की अवज्ञा करना) और 505 (सार्वजनिक शरारत करने वाले बयान) के तहत मामला दर्ज किया गया है। इन सभी पर एएमयू में संबंधित अधिकारियों से पूर्व अनुमति लिए बिना एक अंतरराष्ट्रीय मुद्दे पर विरोध मार्च निकाले जाने का भी आरोप है। हालांकि, अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। क्योंकि हमारी जांच अभी जारी है।”

एएमयू के प्रॉक्टर मोहम्मद वसीम अली ने कहा- बिना पूर्व अनुमति के निकाला गया था अवैध मार्च

अलीगढ़ पुलिस ने जिन चार छात्रों को एफआईआर में नामजद किया है, उनमें डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी की पढ़ाई कर रहा खालिद, मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (MBA) का छात्र आतिफ और एमए के छात्र मोहम्मद नावेद और कामराम शामिल हैं। एएमयू के प्रॉक्टर मोहम्मद वसीम अली ने कहा कि बिना पूर्व अनुमति के मार्च आयोजित किया गया था और इसलिए यह अवैध था। अली ने कहा, “हमारे देश ने चल रहे युद्ध के संबंध में जो रुख अपनाया है, एएमयू उस पर कायम है। हम परिसर में संवेदनशील अंतरराष्ट्रीय मुद्दे पर किसी भी अनुशासनहीनता की अनुमति नहीं दे सकते।”

AMU में आंतरिक जांच के भी आदेश, कानून तोड़ने वाले सभी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की बात

प्रॉक्टर अली ने कहा, “हमने आंतरिक जांच के भी आदेश दिए हैं और कानून के शासन का उल्लंघन करने वाले सभी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।” अली ने कहा कि उन्हें सूचित किया गया था कि रविवार शाम दर्जनों छात्र तख्तियां लेकर डक प्वाइंट पर इकट्ठा हुए थे और बाब-ए-सैयद गेट की ओर मार्च किया था। उन्होंने कहा कि वे फिलिस्तीनियों के पक्ष में नारे लगा रहे थे और इजरायल द्वारा बमबारी को “वर्चस्व स्थापित करने के लिए निर्दोष मूल निवासियों पर किया गया अत्याचार” करार दे रहे थे।

अलीगढ़ सांसद सतीश गौतम ने कहा- देश कभी भी आतंकवादियों का समर्थन नहीं कर सकता

अलीगढ़ से दो बार के भाजपा सांसद सतीश गौतम वीडियो देखने के बाद मार्च पर टिप्पणी करने वाले पहले व्यक्ति थे। गौतम ने कहा, “हमारे प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मुद्दे पर हमारे देश का रुख स्पष्ट कर दिया है। देश कभी भी आतंकवादियों का समर्थन नहीं कर सकता। एएमयू छात्रों ने एक अलग तस्वीर को उजागर करने के लिए मार्च निकाला है, जो वास्तविक नहीं है। हम किसी को भी, चाहे वे छात्र ही क्यों न हों, कानूनी मानदंडों के खिलाफ काम करने की इजाजत नहीं देंगे और इसलिए इस संबंध में पुलिस कार्रवाई जरूरी है।”

कांग्रेस नेता ने भी पूछा- एएमयू छात्रों ने फिलिस्तीनी लोगों के समर्थन में मार्च क्यों निकाला?

कांग्रेस की अलीगढ़ जिला इकाई के प्रमुख डॉ. संतोष सिंह चौहान ने कहा कि उनकी पार्टी ने भी इजरायल का समर्थन किया है क्योंकि देश अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए लड़ रहा है। चौहान ने कहा, “एएमयू छात्रों ने फिलिस्तीनी लोगों के समर्थन में मार्च क्यों निकाला, जबकि यह उनका आंतरिक मामला है।” एएमयू में छात्रों के मार्च के बाद अलीगढ़ में गैरजरूरी चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया है।

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