बरेली के गायत्रीनगर इलाके में एक युवक घर के अंदर कमरे में खुदकुशी कर ली। घटना से बेखबर उसके छह साल के बेटा और चार साल की बेटी तीन दिन तक भूखे-प्यासे रहकर पापा को आवाज लगाते रहे, जब कोई जवाब नहीं मिला और भूख से तड़पने लगे तो बाहर निकलकर पड़ोसियों को बताया। इसके बाद घटना की जानकारी हुई। युवक की पत्नी कई दिन पहले घरेलू विवाद के बाद कहीं चली गई थी। घर में सिर्फ दोनों मासूम बच्चे ही रह गए हैं।

घटना के बाद से बच्चे खाना मांगने के लिए अपने पिता को बुला रहे थे, लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिला। इस दौरान वहां रखा बासी खाना और कुछ बिस्किट बच्चे खुद से खाकर तीन दिन तक वहीं अकेले पड़े रहे। जब खाना और बिस्किट खत्म हो गए और लाश से बदबू आने लगी, तब बच्चे पड़ोसियों के यहां खाना मांगने गए। पड़ोसियों ने उनके घर आकर खिड़की से देखा तो युवक की लाश फंदे से लटकती दिखी। बच्चों ने अपने पड़ोसी से कहा कि उनके पिता “उनसे बात नहीं कर रहे हैं।” पड़ोसी को शक हुआ और वे घर चले गया। मृत युवक का नाम मनोज दयाल है और वह पहले नोएडा में कोई प्राइवेट काम करता था। कोविड की वजह से वह घर चला आया था और यहां वर्क फ्राम होम कर रहा था।

बच्चे छह साल का बेटा विशु और चार साल की बेटी मायरी बार-बार पड़ोसियों से पूछते रहे कि उनके मम्मी-पापा कहां है? बच्चों ने बताया कि पिछले गुरुवार को मम्मी-पापा में लड़ाई हुई थी। तभी से मम्मी कहीं चली गई हैं। बच्चे अपने पिता मनोज दयाल के साथ घर पर ही थे।

बरेली के एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने बताया कि पोस्टमार्टम के अनुसार फांसी के फंदे से लटकने से युवक की मौत हुई है और अभी तक प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है। शव तीन दिन पुराना था और सड़ने लगा था। घटना के बाद बच्चों को उनके चाचा के घर भेज दिया गया। दयाल ने यह कठोर कदम क्यों उठाया, इसका अभी पता नहीं चल पाया है।