मध्य प्रदेश के इंदौर से हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां के एक स्कूल परिसर में दो किशोरों ने 13 साल के लड़के के साथ कथित तौर पर कुकर्म किया। पीटीआई-भाषा की रिपोर्ट के अनुसार पुलिस ने शनिवार को घटना की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मामले में कार्रवाई करते हुए कथित आरोपी दो किशोर को हिरासत में लेकर सुधार गृह भेज दिया गया है।
स्कूल कैंपस के खुले मैदान में खेल रहा था शख्स
रिपोर्ट के अनुसार अन्नपूर्णा थाने के प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि 16 और 17 साल की उम्र के आरोपी लड़कों को हिरासत में ले लिया गया है। यह घटना गुरुवार को तब हुई जब पीड़ित स्कूल परिसर के खुले मैदान में खेल रहा था, तभी आरोपियों ने उसके साथ कुकर्म किया। उन्होंने बताया कि आरोपी स्कूल के छात्र नहीं हैं, उनमें से एक मिस्री है और एक आस-पास रहने वाला बच्चा। आस-पास रहने वाले बच्चे अक्सर स्कूल के खुले परिसर में खेलने आते हैं।
यह भी पढ़ें – ‘अंकल ने शैतानी की…’, लखनऊ में चार साल की बच्ची से हैवानियत, स्कूल वैन में ड्राइवर किया रेप-मारपीट, गिरफ्तार
रिपोर्ट के मुताबिक अधिकारी ने कहा कि यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। जांच की जा रही है। इधर, इस पूरे मामले में आरोप है कि घटना के बाद पीड़ित छात्र के परिवार को अनिवार्य मेडिकल जांच कराने के लिए घंटों इधर-उधर भटकना पड़ा। अब संबंधित अधिकारियों ने इस देरी की जांच शुरू कर दी।
पीड़ितों के परिचितों के अनुसार, लड़के को जिला अस्पताल में कानून के अनुसार सैंपल की जांच कराने के लिए कहा गया था, जहां काफी देर तक इंतजार करने के बाद उसके परिवार को बताया गया कि अस्पताल में यह सुविधा उपलब्ध नहीं है। परिवार ने टेस्ट के लिए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) से मुलाकात की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
यह भी पढ़ें – बुलंदशहर में चार किशोरों ने 14 साल की लड़की का किया गैंगरेप, नहीं सह पाई पीड़िता, कर ली खुदकुशी
रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने दावा किया कि इसके बाद बच्चे को सरकारी एमवाय अस्पताल ले जाया गया, जहां FIR दर्ज होने के 17 घंटे बाद उसका टेस्ट हुआ। पुलिस अधिकारी ने बताया कि टेस्ट के लिए पीड़ित के साथ पुलिसकर्मी भी गए थे। संपर्क करने पर, एमवाय अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अशोक यादव ने कहा कि उन्होंने देरी की जांच के आदेश दे दिए हैं।
उन्होंने आगे कहा, “मैंने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) और जिला अस्पताल के ड्यूटी डॉक्टरों से देरी के संबंध में स्पष्टीकरण मांगा है।” उन्होंने बताया कि छोटे स्वास्थ्य केंद्रों पर भी स्वाब परीक्षण की सुविधा उपलब्ध है।