India Lockdown, Policemen Beaten in Haryana: हरियाणा में लॉकडाउन का सख्ती से पालन करा रहे दो पुलिस कर्मियों की पिटाई किये जाने का मामला सामने आया है। लॉकडाउन के बीच लोगों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए गश्ती कर रहे एक हेड कॉन्स्टेबल और एक स्पेशल पुलिस ऑफिसर को भीड़ ने लाठी-डंडे से पीटा है। इस मामले में शिकायत दर्ज कराने वाले हेड कॉन्स्टेबल अनिल ने कहा कि यह घटना नूंह के वार्ड नंबर 14 के पटौदी रोड के पास हुई है। शिकायत में कहा गया है कि ‘इस इलाके में स्थित एक गली के पास रविवार (12 अप्रैल, 2020) की रात करीब 7.30 बजे जब गश्त लगाने के दौरान मैंने और मेरे साथी पुलिसकर्मी ने गली के पास भीड़ जमा देखा तो उन्हें घरों में रहने की हिदायत दी।

हमने उनसे कहा कि वो अपने घरों में रहे और फिर वो वहां से जाने लगे। लेकिन थोड़ी ही दूर आगे जाने के बाद हमें ऐसा लगा कि करीब 10-11 लोग उनका पीछा कर रहे हैं। इन सभी के हाथ में लाठी और डंडे थे।’ करीब आने के बाद इनमें से एक शख्स ने पूछा कि ‘किसने कहा कि हम घर से बाहर नहीं जा सकते।

इसपर मैंने उन्हें काफी समझाने की कोशिश की लेकिन वो बहस करने लगे। इसके बाद मैंने बैक-अप के लिए फोन किया। लेकिन अतिरिक्त पुलिस बल के आने से पहले उनलोगों ने हमपर लाठी-डंडे से हमला कर हमारी पिटाई शुरू कर दी।’

पुलिस कर्मी ने बताया कि जब स्टेशन हाउस ऑफिसर वहां पहुंचे और उन्होंने पूरा मामले जानना चाहा तब हमने भीड़ में खड़े राकेश नाम के एक युवक की तरफ इशारा किया।

इसके बाद उन्होंने उसे पकड़ने की कोशिश की लेकिन उन्होंने अचानक फिर से हमपर हमला कर दिया। उनलोगों ने हमारी लाठी भी छीन ली और उससे हमें मारने की कोशिश करने लगे। हालांकि एसपीओ और मुझे कम चोट लगी लेकिन एसएचओ का सिर फट गया है।

बाद में इस मामले में धारा 148, 149, 332, 353, 186, 188 समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज किया गया है। नूंह पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए 5 लोगों को गिरफ्तार भी कर लिया है। चोट लगने के बावजूद हेड कॉन्स्टेबल अनिल कुमार सोमवार को दोबारा ड्यूटी पर पहुंचे।

उन्होंने ‘The Indian Express’ से बातचीत करते हुए कहा कि ‘मैं अक्सर राइडर ड्यूटी पर रहता हूं लेकिन ऐसा कभी मेरे साथ नहीं हुआ। अक्सर लोग हमारी बात सुनते हैं।

मुझे नहीं पता इनलोगों ने मुझपर हमला क्यों किया। हो सकता है लॉकडाउन के दौरान घर में रहते-रहते वो लोग दीमागी तौर से परेशान हो गए हों। लेकिन इससे मेरे काम पर प्रभाव नहीं पड़ने वाला है…मैं डरा भी नहीं हूं यह मेरी ड्यूटी है और मुझे यह करना है।’