देश में कई बार अपराधियों के कई ऐसे हैरतअंगेज मामले सामने आए, जिसने सभी को चौंका दिया। लेकिन देश की पहली महिला सीरियल किलर ने अमीर बनने के चाहत में बेहद ही भयावह तरीके से हत्याओं को अंजाम दिया, जिस कारण उसे सायनाइड मल्लिका कहा गया।
‘सायनाइड मल्लिका’ नाम से है मशहूर: इस महिला सीरियल किलर का नाम केडी केमपम्मा है। कर्नाटक के गरीब परिवार में पली-बढ़ी केमपम्मा की शादी एक दर्जी से हुई, लेकिन उसे अमीर बनने की चाहत थी। शादी के बाद उसने घरों में नौकरानी का काम शुरू किया। लेकिन घरों में चोरी करने के कारण 1997 में उसे एक साल की जेल हुई।
इन महिलाओं को बनाया निशाना: केडी केमपम्मा जब 1998 में जेल से बाहर आई तो उसे पति ने अपने घर से निकाल दिया। घर से निकाले जाने के बाद केमपम्मा ने एक चिट फंड कंपनी बनाई और घरों में काम करने वाली महिलाओं को जोड़कर उनसे पैसा लिया। कुछ ही समय बाद कंपनी बंद हो गई। अब उसे और पैसों के जरूरत थी इसलिए उसने अमीर महिलाओं को झांसे में लेना शुरू किया।
पूजा-पाठ के नाम पर करती थी खेल: केडी केमपम्मा ने पास के ही एक मंदिर को अपना ठिकाना बनाया और अमीर घरों की महिलाओं को बताती थी कि वह पूजा-पाठ से हर समस्या का हल कर देगी। लेकिन अनुष्ठान में पैसा लगेगा और महिला को गहने सहित सज-धज कर आना होगा। साल 1999 में उसने बेंगलुरु की अमीर महिला ममता राजन को अपना पहला शिकार बनाया। उसने महिला को सूनसान जगह पर ले जाकर आंख बंद करने को कहा और प्रसाद में सायनाइड की गोली देकर मार डाला। घटना के बाद केमपम्मा गहने व नकदी लेकर फरार हो गई।
सात साल तक रही खामोश: 1999 की हत्या के बाद उसने 5 हत्याओं को अंजाम दिया और फिर गायब रही, लेकिन साल 2000 में उसे एक घर से कुछ गहने चुराने के जुर्म में 6 महीने के लिए जेल भेज दिया गया। यहां पर भी वह पूजा-पाठ करने के नाम पर ही आई थी। वहीं, 2006 में एक बार फिर उसने नागवेणी नाम की अमीर महिला को अपने जाल में फंसाया। केमपम्मा ने अपनी पुरानी तरकीब से ही इस महिला को भी मार डाला। पुलिस जांच में सायनाइड से मौत की खबर ने सभी के होश उड़ा दिए। एक बार फिर केडी केमपम्मा का खौफ सामने आया।
केमपम्मा को मिली कठोर सजा: साल 2007 में इस सायनाइड मल्लिका को एक बस स्टैंड से गिरफ्तार किया गया था, पड़ताल में पता चला था कि उसने बीते 8 सालों में करीब 6 महिलाओं को अपने जाल में फंसकर मौत के घाट उतार दिया था। वहीं 2012 में अदालत ने उसे सजा-ए-मौत की सजा सुनाई थी, जिसे बाद में आजीवन कारावास में बदल दिया गया था। इसके बाद उसे बेंगलुरु की जेल में बंद कर दिया गया।
साल 2017 में एक बार वह फिर से सुर्ख़ियों में इसलिए आई क्योंकि भ्रष्टाचार के मामलों में जेल गई तमिलनाडु की पूर्व सीएम जयललिता की राजनीतिक सहयोगी शशिकला को बेंगलुरु की जेल में केमपम्मा की बगल वाली सेल में ही रखा गया था।