रिटायर IAS अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह से पूछताछ के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस शनिवार को उनके घर पहुंची। सूर्य प्रताप के खिलाफ यूपी में छह केस दर्ज हैं. आरोप है कि सूर्य प्रताप सिंह अपने ट्वीट्स से समाज को बांटने का प्रयास कर रहे हैं और ट्विटर पर कई गलत जानकारी भी दे चुके हैं। इसी मामले में उन्नाव पुलिस उनके लखनऊ स्थित आवास पर पहुंची थी। सूर्य प्रताप सिंह ने इस बात की जानकारी अपने ट्विटर पर भी दी थी।

सूर्य प्रताप सिंह लगातार उत्तर प्रदेश सरकार के कामकाज पर सवाल उठाते रहते हैं। कई लोग उनके इन ट्वीट्स को पसंद करते हैं तो कई उनका विरोध भी करते हैं। सूर्य प्रताप सिंह अपने खिलाफ दर्ज मुकदमों को रद्द करवाने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट भी गए थे। कोर्ट ने सिंह की गिरफ्तार पर फिलहाल रोक लगा दी है। इसी कड़ी में उन्नाव पुलिस ने सूर्य प्रताप सिंह से पूछताछ की और उनके साथ लखनऊ पुलिस के जवान भी थे।

सूर्य प्रताप सिंह ने पूछताछ के बाद संडे एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा, ‘मेरे अंदर डर बिठाने के लिए पुलिस का ये एक प्रयास था। वह मेरी आवाज दबाना चाहते हैं। कई पुलिस अधिकारी मेरे घर पर आए। वह मेरा नाम खराब करना चाहते हैं। पुलिस मेरे घर पर करीब चार घंटे तक रही और ये सब इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस ऑर्डर के बाद हुआ जिसमें उन्होंने मेरे खिलाफ किसी भी प्रकार का बल प्रयोग करने पर रोक लगाई है।’

सूर्य प्रताप सिंह ने बताया कि उनके घर पर जो पुलिसकर्मी आए वह उन्नाव और लखनऊ के थे। सूर्य प्रताप के खिलाफ 13 मई को उन्नाव थाने में शिकायत दर्ज हुई थी। इस ट्वीट में उन्होंने राज्य सरकार पर सवाल उठाए थे। सूर्य प्रताप पर IPC की धारा 153, 465 के तहत केस दर्ज किया गया था।

इस पूरे मामले पर जब लखनऊ के पुलिस कमिश्नर से पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘ये सामान्य प्रक्रिया है कि जब दूसरे जिले से पुलिसकर्मी आते हैं तो स्थानीय थाने की पुलिस उन्हें लेकर जाती है। ऐसे ही उन्नाव पुलिस को लखनऊ पुलिस के कुछ जवान अपने साथ लेकर गए थे।’ उन्नाव पुलिस ने इस मामले में ट्वीट करके बताया कि सूर्य प्रताप सिंह से उनकी ये रूटीन पूछताछ थी और ये इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को ध्यान में रखते हुए सिर्फ 45 मिनट में खत्म कर दी गई।