प्रदीप द्विवेदी आज भले ही IAS अधिकारी बन गए हों, लेकिन उनकी कहानी कई लोगों के लिए प्रेरणा हो सकती है। प्रदीप द्विवेदी को दो प्रयासों में असफलता हाथ लगी, लेकिन उनका जुनून आईएएस बनने का था इसलिए उन्होंने अपनी तैयारी जारी रखी। सबसे खास बात है कि प्रदीप द्विवेदी ने यूपीएससी के लिए मध्य प्रदेश के बिजली विभाग की नौकरी तक को छोड़ने का फैसला किया और इस परीक्षा के लिए ही पूरा समय देने का फैसला किया।
प्रदीप द्विवेदी का परिवार मूल रूप से बुंदेलखंड का रहने वाला है। उनके पिता किसान हैं और मां घर देखती हैं। 12वीं के बाद उन्होंने भोपाल से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की। इसके बाद उनकी मध्य प्रदेश के बिजली विभाग में सरकारी नौकरी लग गई। उन्होंने कुछ समय तक ये नौकरी की, लेकिन उनका मन नहीं लगा। वह देश की सेवा सिविल सर्विस में आकर करना चाहते थे इसलिए उन्होंने दो बार परीक्षा देने का फैसला किया।
प्रदीप को दो प्रयासों में सफलता हासिल नहीं हुई थी, लेकिन उन्हें पूरा विश्वास था कि एक दिन उन्हें जरूर इसमें सफलता हासिल होगी। आखिरकार उन्हें तीसरे प्रयास में जाकर सफलता हासिल हुई। UPSC 2018 एग्जाम में प्रदीप को 74 रैंक प्राप्त हुई थी। प्रदीप ने अपने अनुभव के आधार पर इस परीक्षा की तैयारी कर रहे कैंडिडेट्स के लिए भी कुछ सलाह दी है। प्रदीप ने कहा कि आपको इसके लिए पहले ही तैयार रहना होगा और सिलेबस को अपने दिमाग में रखना होगा।
सिलेबस पर ध्यान देना है जरूरी: प्रदीप ने कहा, ‘यूपीएससी की तैयारी के लिए सबसे पहले आप यूपीएससी की वेबसाइट पर जाकर सिलेबस देखें। यहां आपको परीक्षा के पैटर्न के बारे में भी पूरी जानकारी मिल जाएगी। आप इन दोनों को अच्छी तरह अपने दिमाग में बैठा ले और इसके हिसाब से अपना स्टडी मैटेरियल तैयार कर कड़ी मेहनत शुरू कर दें। जरूरी नहीं है कि आप कोचिंग करें, आप सेल्फी स्टडी की बदौलत भी तैयारी शुरू कर सकते हैं।’
प्रदीप द्विवेदी कहते हैं, ‘सिलेबस के साथ जरूरी है कि आप नोट्स भी बनाएं। कई बार यही आपको आगे चलकर बहुत मदद करते हैं। बुक्स से सीधा पढ़ने पर आपको परेशान हो सकती हैं, लेकिन नोट्स से पढ़ेंगे तो आपको बहुत आसानी होगी। क्योंकि इससे सिलेबस काफी छोटा हो जाता है। मैंने भी इसके लिए नोट्स बनाने पर काम किया था, लेकिन मैंने बुक्स से भी सीधे पढ़ाई कर ली थी। जिससे कभी-कभी परेशानी भी हुई थी।’
