IAS Kartik Jivani Success Story: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने पिछले महीने सिविल सेवा परीक्षा के परिणामों का ऐलान किया, जहां सूरत निवासी कार्तिक जीवाणी (Kartik Jivani) ने 8वीं रैंक हासिल की। किसी भी अभ्यर्थी के लिए यूपीएससी की परीक्षा पास करना सपने की तरह होता है लेकिन कार्तिक ने इसे तीन बार पूरा किया, उन्होंने 2017, 2019 और 2020 में UPSC एग्जाम क्लियर किया। पहली बार में 94वीं रैंक मिली, दूसरी में 84वीं और तीसरी में 8वीं रैंक पाने में कामयाब रहे। इस सफलता के साथ ही कार्तिक (Kartik Jivani) के नाम एक कीर्तिमान भी जुड़ गया, वह गुजरात राज्य से सर्वोच्च रैंक प्राप्त करने वाले व्यक्ति बन गए हैं।
कार्तिक मानते हैं कि आईएएस बनने के लिए मेहनत के साथ साथ स्मार्टनेस का होना जरूरी है, सब कुछ पढ़ने के बजाय, क्या नहीं पढ़ना है यह समझना जरूरी होता है। अपनी तैयारी के लिए वह किताबों के अलावा कई अन्य जगहों से भी मदद लिया करते थे। उनका मानना है कि पढ़ाई में अनुशासन आपका पहला लक्ष्य होना चाहिए, रोजाना 8 से 10 घंटे पढ़ने की आदत बन जाएगी तो काफी चीजें अपने आप आसान हो जाएंगी। कार्तिक के अनुसार, जिन विषयों पर आपकी अच्छी पकड़ हो पहले उन्हें पढ़ें, इसके बाद जिन विषयों में रुचि न जग रही हो, उनके फैक्ट निकालकर उनके प्रति अपनी रुचि जगाएं, गहराई में जाने पर सभी विषय इंट्रेस्टिंग लगते हैं।
कब से शुरू की तैयारी: कार्तिक (Kartik Jivani) बचपन से मेधावी छात्र रहे हैं, 12वीं के बाद उन्होंने जेईई परीक्षा में सफलता हासिल की और IIT मुंबई में दाखिला लिया। मैकेनिकल इंजीनियरिंग के चौथे साल में उन्होंने सिविल सेवा की परीक्षाओं की तैयारी का मन बनाया। पहली कोशिश 2017 में की, लेकिन सफलता नहीं मिली। इस असफलता का विश्लेषण करने के बाद कार्तिक ने पाया कि पूरी तैय़ारी के साथ ही सिविल सेवा की परीक्षाओं में बैठने का फायदा होगा। उन्होंने अगले 2 साल किताबों को समर्पित कर दिए। दिन रात मेहनत के बाद 2019 की यूपीएससी परीक्षाओं में कामयाबी पाने में सफल रहे।
IPS बनकर खुश नहीं: इस सफलता से कार्तिक (Kartik Jivani) खुश थे लेकिन संतुष्ठ नहीं, उनका लक्ष्य IAS बनने का था। 94वें रैंक पाने के बाद वह सिर्फ 2 रैंक से IAS बनने से रह गए थे। उन्होंने तीसरी बार फिर परीक्षा दी, इस बार भी सफलता मिली और 84वीं रैंक हासिल की। IPS अधिकारी के रूप में ट्रेनिंग लेते हुए उन्होंने एक बार परीक्षा देने की इच्छा जताई।
15 दिन की छुट्टी लेकर की तैयारी: चौथे प्रयास के लिए कार्तिक (Kartik Jivani) ने 15 दिनों की छुट्टी ली और घर आ गए। इस दौरान वह रोजाना 10 घंटे पढ़ने लगे। कार्तिक की यह 15 दिनों की कोशिश रंग लाई, इस बार वह 8वीं रैंक पाने में कामयाब रहे और IAS बनने के अपने सपने को भी सच कर दिखाया।