टेक्नोलॉजी के जमाने में चोर भी हाईटेक हो गए हैं लेकिन वह कानून के हाथों से बच नहीं पाए। मामला हैदराबाद से सामने आया है, जहां राचकोंडा पुलिस ने एक हाई टेक ऑटो चोरी के गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस मामले में सरगना समेत गिरोह के तीन सदस्यों को दबोच लिया गया है।
राचकोंडा पुलिस ने जानकारी देते हए बताया कि यह गिरोह पहले गाड़ियों का जीपीएस (GPS) निष्क्रिय कर देता था फिर किराये की कार और बाइक्स पर हाथ साफ़ करता था। पुलिस ने गिरोह के पास से पांच कार समेत कुल छह वाहन जब्त किये हैं। पुलिस ने बताया कि आरोपियों की पहचान आंध्रप्रदेश निवासी महेश नूतन कुमार (सरगना), शैक अनवर और साईं मदन के रूप में की गई है।
स्थानीय पुलिस के मुताबिक गिरोह का सरगना महेश नूतन कुमार है, जो कि पहले भी कई साइबर अपराधों में शामिल रहा है। भीमावरम के रहने वाले कुमार पर अन्य राज्यों में भी 9 मामले दर्ज हैं। मामले में एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह गिरोह चोरी के आधार कार्ड व ड्राइविंग लाइसेंस को पहचान पत्र के तौर पर इस्तेमाल करता था।
अधिकारी के मुताबिक, गिरोह का सरगना महेश नूतन कुमार टेक्नोलॉजी के बारे में काफी जानकारी रखता है। ऐसे में वह चोरी को अंजाम देने से पहले वाहन का जीपीएस सिस्टम डिस्कनेक्ट कर देता था फिर गाड़ी के नंबर को नकली नंबर प्लेट से बदल देता था। ताकि गाड़ी पकड़ में आने से बची रह सके।
पुलिस के अनुसार, महेश कुमार को इस बात की समझ थी कि यदि जीपीएस ऑन रहा तो वह चोरी के काम को अंजाम नहीं दे पाएगा। यह गिरोह शहर के अलग-अलग हिस्सों से चुराई गई गाड़ियों को चोरी के पुर्जों से बदल देते थे और फिर ठीक-ठाक दामों में गाड़ियों को बेच दिया करते थे।
बता दें कि, पिछले साल भी एसटीएफ ने एक अंतरराज्यीय कार चोर गिरोह का भंडाफोड़ किया था। जिसमें एक कार मैकेनिक समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था, साथ ही 18 लाख रुपये की कीमत की तीन गाड़ियां जब्त की गई थी। इस मामले में भी चोरी की कारों की नंबर प्लेट को स्क्रैप के रूप में खरीदे गए उसी मॉडल वाहन की प्लेटों से बदल दिया जाता था।