Lawrence Bishnoi News: जेल में बंद लॉरेंस बिश्नोई अपराध जगत का एक बड़ा नाम है। राष्ट्रीय और आंतराष्ट्रीय स्तर पर आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने वाली इसकी गैंग अभी भी पुलिस और जांच अधिकारियों के लिए चुनौती बनी हुई है। बाबा सिद्दिकी हत्याकांड के बाद लॉरेंस के भाई अनमोल बिश्नोई के पुलिस के हत्थे चढ़ने के बाद ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि अब इस क्राइम कंपनी की कमर टूट जाएगी।
हालांकि, 1 दिसंबर को चंडीगढ़ में इंदरप्रीत सिंह उर्फ पैरी की सरेआम हत्या कराए जाने के बाद से एक बार फिर साफ हो गया है कि सरगना के जेल में बंद होने के बावजूद गैंग एक्टिव है और अपने अपने ‘दुश्मनों’ को सबक सिखाने को तत्पर है। दरअसल, कभी साथ काम करने वाले रोहित गोदारा, गोल्डी बराड़, शहजाद भट्टी जैसे कुख्याग अब इस गैंग के दुश्मन हैं।
बदला लेने के लिए करते हैं हत्या
ऐसे में कोई भी शख्स जो इन कुख्यातों के गैंग से नजदीकी बढ़ाता है, लॉरेंस गैंग उसे ढूंढकर सबक सिखाती है। यह बात इंदरप्रीत सिंह उर्फ पैरी की गोलियों से भूनकर हत्या किए जाने के बाद गैंग द्वारा किए गए पोस्ट से एकदम साफ है।
हत्या के बाद फेसबुक पर किए गए पोस्ट में लिखा था – “आज एक नई जंग शुरू हुई। चंडीगढ़ के सेक्टर 26 में इंदरप्रीत पैरी का मर्डर हो गया। हम (आरजू बिश्नोई, हरि बॉक्सर, शुभम लोंकर और हरमन संधू) इसकी जिम्मेदारी लेते हैं। पैरी हमारे ग्रुप के किसी गद्दार गोल्डी या रोहित को कॉल करके सभी क्लबों से पैसे इकट्ठा करता था। इसीलिए हमने उसे मार डाला। उन्होंने इसे शुरू किया। पहले, उन्होंने हमारे हरि भाई पर हमला करने की कोशिश की और बाद में सिप्पा भाई को मरवा दिया।”
FB पोस्ट में कहा गया : आज से, हमारे पास सभी के लिए एक चेतावनी है कि हम उन सभी को मार देंगे जो उनकी मदद करेंगे… चाहे वे किसी भी देश में हों, हम सभी तक पहुंचेंगे! चाहे हमें कितना भी समय लगे।” ‘हरि बॉक्सर आरजू बिश्नोई’ हैंडल से एक फेसबुक पोस्ट में दावा किया गया कि यह सिप्पा की हत्या का बदला है।
NDTV की रिपोर्ट के अनुसार अपराधियों का यह गैंग एकदम आधुनिक तरीके से काम करता है। इनका काम भले ही आपराधिक घटनाओं को अंजाम देना है लेकिन इनका वर्क मॉड्यूल कॉर्पोरेट की तरह है। गैंग जिसमें कम से कम 1000 सदस्य हैं पूरी तरह से ऑनलाइन काम करता है। अलग-अलग टीम हैं, जिनके सभी सदस्यों के अगल-अगल काम हैं।
रिपोर्ट्स में ऐसा दावा किया जाता है कि गैंग के सभी सदस्य को केवल अपने काम के बारे में पता होता है। दूसरा कब क्या करेगा या उसकी भूमिका क्या होगी, इसकी किसी को कोई जानकारी नहीं होती। रेकी पर्सन, आर्म्स सप्लायर, शूटर के साथ-साथ इस गैंग की IT सेल और लीगल टीम भी है।
पुलिस के लिए क्यों चुनौती बना हुआ है गैंग
बताया जाता है कि एक सदस्य को केवल उसी सदस्य की जानकारी होती जिससे उसका काम कनेक्टेड होता है। यही वजह है कि गैंग को क्रैक करना पुलिस के लिए आज भी चुनौती बना हुआ है। साथ ही मेंबर गैंग में बने रहे, इसके लिए लॉरेंस उन्हें और उनके परिवार की हर तरह से मदद करता है। वो युवाओं को भावनात्मक तौर पर माइंडवॉश करके अपने गैंग में जोड़ता है।
हत्या की घटना को अंजाम देते वक्त कोई भी अपराधी एक-दूसरे को नहीं जानते। वे केवल तकनीक के सहारे एक-दूसरे से संपर्क करते हैं और घटना को अंजाम देते हैं। ऐसा करने के पीछे का मकसद यह है कि किसी एक अपराधी के पकड़े जाने पर भी पुलिस पूरे गैंग की कमर ना तोड़ सके।
गैंग के मुख्य टास्क कुछ इस प्रकार हैं – वसूली करना, रेकी करना, किसी प्लान के लिए इकट्ठा हुए मेंबर को शेल्टर देना, हथियार मंगवाना, उसे सुरक्षित रखना, उसका इस्तेमाल कौन करेगा यह सुनिश्चित करना, अपराध के बाद हथियार किसे सौंपना है यह तय करना, फंडिंग कैसे होगी, अपराध की जिम्मेदारी कौन लेगा और कानूनी पेच फंसने पर लीगल टीम का एक्टिव होना।
