हरियाणा के गुरुग्राम में एक मॉल में चल रहे स्पा सेंटर में नौकरी देकर नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार, मारपीट और अश्लील वीडियो के दम पर धमकाने का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। स्पा में काम करने के दौरान 14 साल की एक लड़की के साथ कई पुरुषों ने कथित तौर पर बलात्कार किया। इस मामले में पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है, हालांकि अभी तक किसी भी आरोपी के गिरफ्तारी नहीं हुई है।
स्पा सेंटर में रिसेप्शनिस्ट थी नाबालिग लड़की
स्पा सेंटर में लड़की एक रिसेप्शनिस्ट के तौर पर काम कर रही थी। लड़की ने पुलिस को बताया कि वह हाल ही में एक जान-पहचान की महिला से मिली थी, जिससे उसने नौकरी दिलवाने की बात की थी, क्योंकि उसे पैसों की सख्त जरूरत थी। नाबालिग लड़की ने बताया कि महिला ने कथित तौर पर उसे एक रिश्तेदार के स्पा में रिसेप्शनिस्ट की नौकरी की बात कही थी।
पहले दिन से ही शुरू हुआ उत्पीड़न
लड़की के मुताबिक, पहले दिन ही उसे कथित तौर पर एक कमरे में भेजा गया और एक आदमी के साथ समय बिताने के लिए मजबूर किया गया। लड़की ने आरोप लगाया कि उसके साथ कमरे में दुष्कर्म किया गया। जब उसने कहा कि वह नौकरी छोड़ देगी तो उसे कथित तौर पर यौन उत्पीड़न के वीडियो दिखाकर धमकाया गया।
रोज 10-15 लोग करते थे बलात्कार
नाबालिग ने पुलिस को बताया कि “आरोपियों ने उसका एक वीडियो वायरल करने की धमकी दी थी। ऐसे में वह डर गई जिसके चलते अगले 4-5 दिनों तक स्पा सेंटर जाती रही थी। इस दौरान कई लोगों द्वारा उसका यौन उत्पीड़न किया गया था। पीड़िता ने बताया कि “हर दिन करीब 10-15 लोग उसका बलात्कार करते और विरोध करने पर मारपीट भी जाती थी।”
लड़की ने स्पा जाना किया बंद तो की गई मारपीट
लड़की के मुताबिक, कुछ दिनों बाद लड़की ने हिम्मत जुटाई और स्पा जाना बंद कर दिया तो नौकरी दिलाने वाली महिला और उसके साथी उसे फोन करते रहे और फिर मुलाकात के नाम पर एक होटल में ले गए, जहां कथित तौर पर उसके साथ मारपीट की गई। इसी दौरान लड़की के परिजनों को कुछ गड़बड़ महसूस हुई तो वह पुलिस के पास गए। नाबालिग ने तब पुलिस को बताया कि महिला और अन्य लोगों ने युवा लड़कियों को फंसाने और उसे वेश्यावृत्ति के लिए मजबूर करने के लिए एक गिरोह के रूप में काम किया।
इन धाराओं में दर्ज हुआ केस
इस मामले में महिला थाने में आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 34 (सामान्य इरादा), 376 D (सामूहिक बलात्कार), 506 (आपराधिक धमकी) और POCSO एक्ट के तहत प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज की गई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और पाटा लगाने की जुगत में है कि इस गिरोह में कितने लोग सक्रिय थे। हालांकि, अभी तक इस केस में किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।