गुजरात पुलिस ने हाल ही में फर्जी वीजा स्टांप रैकेट चलाने वाले गिरोह के एक सदस्य को गिरफ्तार किया है। उसके पास से कई फर्जी वीजा और अन्य दस्तावेज बरामद हुए हैं। अमेरिकी वाणिज्य दूतावास के एक अधिकारी की शिकायत पर सीआईडी ने मामले की जांच शुरू की तो आरोपी व्यक्ति पकड़ा गया। वह गिरोह का सरगना है और लोगों को पासपोर्ट पर फर्जी वीजा स्टांप लगवाता था। सीआईडी अधिकारी ने यह भी कहा कि मुख्य अभियुक्त ने तीन व्यक्तियों के अमेरिकी वीजा के लिए 45 लाख रुपए की मांग की थी।

गांधीनगर के एक दंपति के आवेदन से खुला मामला : गांधीनगर गुजरात के एक दंपति हंसमुख लाल चौधरी और उनकी पत्नी निश्मा चौधरी ने इस साल जून में मुंबई के अमेरिकी वाणिज्य दूतावास पर अमेरिकी वीजा के लिए आवेदन किया था। दूतावास के अधिकारी जब उसके पासपोर्ट की जांच की तो पता चला कि उस पर यूके का वीजा और अन्य टिकट नकली थे। इस पर दूतावास के अधिकारी ब्रेंडन शॉ ने सीआईडी गांधीनगर के पास इसकी शिकायत दर्ज कराई। इसमें ठगी और धोखाधड़ी के लिए आईपीसी और पासपोर्ट अधिनियम  (1967) के तहत मामला दर्ज कराया।

National Hindi News, 30 September 2019 LIVE Updates: देश-दुनिया की हर खबर पढ़ने के लिए यहां करें क्लिक

सरगना घर पर ही करता था गोरखधंधा : अफसरों के मुताबिक गिरफ्तार व्यक्ति का नाम नौशाद सुल्तान है और वह मुंबई के दाहिसर इलाके का रहने वाला है। वह अपने घर शक्ति कॉम्पलेक्स दाहिसर से पासपोर्ट पर फर्जी वीजा स्टांप दिलवाता था। वह स्वयं एक रैकेट चलाता है। उसके पास से 102 पासपोर्ट और कई आधार कार्ड, आव्रजन टिकट आदि दस्तावेज भी मिले।

वीजा मिलने पर लाख रुपए सरगना को मिलते : पुलिस के मुताबिक दंपति हंसमुख लाल चौधरी और उनकी पत्नी निश्मा चौधरी से पूछताछ करने पर उन्होंने खुलासा किया कि सूरत निवासी मोतीलाल चौधरी के साथ उनके पासपोर्ट पर फर्जी वीजा नौशाद नाम के मुंबई स्थित एजेंट के जरिए मिला था। उन्होंने एक सौदा किया था कि अगर तीनों को अपना अमेरिकी वीजा मिल जाता है, तो नौशाद को भुगतान में 45 लाख रुपये मिलेंगे। नौशाद के ठिकाने का उस समय पता नहीं था। जांच के दौरान बाद में पुलिस को एक सूचना मिली और उससे मुख्य आरोपी को उसके आवास से गिरफ्तार कर लिया गया।