गुजरात के सूरत जिले में एक महिला ने अपने लगभग दो साल के बच्चे की हत्या कर दी। इसके बाद पुलिस स्टेशन जाकर अपने बच्चे के लापता होने की शिकायत भी दर्ज कराई। मामला दर्ज कराने के बाद वह लगातार तीन दिनों तक अपने ‘लापता’ बच्चे की तलाश में पुलिस के साथ शामिल भी हुईं। बच्चे का कोई पता नहीं चल सका। जैसे ही पुलिस ने मामले की जांच आगे बढ़ाई शक की सूई बच्चे की मां की ओर हो गई और पूछताछ के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
निर्माण स्थल के सीसीटीवी फुटेज की जांच से भी नहीं मिला कोई सुराग
दरअसल, सूरत के डिंडोली इलाके में एक निर्माण स्थल पर मजदूरी करने वाली नयना मंडावी अपने दो साल के बच्चे वीर मंडावी के लापता होने की रिपोर्ट करने के लिए पुलिस स्टेशन गई। पुलिस ने उस निर्माण स्थल के सीसीटीवी फुटेज की जांच की जहां महिला काम करती थी लेकिन बच्चे को परिसर से बाहर निकलते नहीं देखा। इसके आधार पर पुलिस ने निष्कर्ष निकाला कि बच्चे ने साइट नहीं छोड़ी थी। पुलिस ने महिला से उसके बच्चे के गायब होने के बारे में काफी पूछताछ की, लेकिन उसने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया।
लापता बच्चे की तलाश के लिए डॉग स्क्वायड का भी इस्तेमाल बेनतीजा
पुलिस ने लापता बच्चे की तलाश के लिए डॉग स्क्वायड का भी इस्तेमाल किया, लेकिन उन्हें इस बात का कोई सबूत नहीं मिला कि बच्चा निर्माण स्थल से जीवित बाहर निकला था। बाद में महिला ने झारखंड के रहने वाले अपने प्रेमी पर उसके बच्चे के अपहरण का आरोप लगाया। पुलिस ने महिला के प्रेमी से संपर्क किया, लेकिन सूरत के आसपास उसकी लोकेशन नहीं मिल सकी। उसने पुलिस को बताया कि वह कभी भी सूरत नहीं गया।
कई चुनौतियों से निपटने के बाद पुलिस को हुआ महिला पर ही शक
पुलिस को बच्चे के ठिकाने का पता लगाने में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा क्योंकि वह निर्माण स्थल से बाहर नहीं गया था। इसके अलावा बच्चे के अपहरण का कोई सबूत नहीं मिला था। पुलिस ने शक के आधार पर महिला से पूछताछ तेज कर दी। पुलिस की सख्ती के आगे उसने आखिरकार अपने बच्चे की हत्या का जुर्म कबूल कर लिया। हालाँकि, जब उससे पूछा गया कि उसने बच्चे के शव को कहाँ छिपाया है, तो उसने शुरू में गलत जानकारी देकर पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की।
दो बार पुलिस को बेवकूफ बनाने की कोशिश, तीसरी बार में बताया ठिकाना
पुलिस पूछताछ के दौरान महिला ने पहले दावा किया कि उसने बच्चे के शव को गड्ढे में दबा दिया है, लेकिन जब उस स्थान की खुदाई की गई तो कुछ नहीं मिला। दूसरी बार उसने पुलिस को बताया कि उसने शव को तालाब में फेंक दिया है, लेकिन पुलिस को वहां भी कुछ नहीं मिला। तीसरी बार कड़ी पूछताछ में महिला ने खुलासा किया कि उसने शव को निर्माण स्थल के शौचालय के लिए बने गड्ढे (सेप्टिक टैंक) में फेंक दिया था। पुलिस ने उस टैंक से बच्चे का शव बरामद कर लिया।
पुलिस की सख्ती बढ़ने पर महिला ने बताया कत्ल का घटिया मकसद
पुलिस ने महिला से उसके बेटे की हत्या करने और शव को छिपाने के पीछे के मकसद के बारे में पूछा। पुलिस की सख्ती और बेटे का शव बरामद होने के बाद टूट चुकी महिला ने बताया कि वह मूल रूप से झारखंड की रहने वाली है और वहां उसका एक प्रेमी है। उसने उसे चेतावनी दी थी कि अगर वह अपने बच्चे के साथ आएगी तो वह उसे कबूल नहीं करेगा। अपने प्रेमी का साथ पाने की कोशिश में महिला ने अपने छोटे से बेटे की हत्या कर दी।
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शव नहीं मिलने पर नहीं होगी गिरफ्तारी, दृश्यम फिल्म से सीखा तरीका
अपने बेटे की हत्या करने के बाद शव को छुपाने का तरीका सीखने के लिए उस महिला ने दृश्यम फिल्म देखी। इस फिल्म में हत्या के बाद शव को ठिकाने लगाने से जुड़ा सीन है। इसमें दिखाया गया है कि हत्या के बाद ठिकाने लगाया गया शव पुलिस को नहीं मिलता तो केस में किसी की गिरफ्तारी नहीं होती और वह अनसुलझा रह जाता है। हत्यारी मां का मानना था कि बेटे का शव नहीं मिलने पर पुलिस उसे नहीं पकड़ पाएगी और वह झारखंड जाकर अपने प्रेमी के साथ आराम से रह पाएगी।