Gujarat Crime News: गुजरात पुलिस के वडोदरा डिटेक्शन ऑफ क्राइम ब्रांच (DCB) ने गुरुवार को जेल से भागने के चौदह साल बाद एक अपराधी को गिरफ्तार किया। फरार अपराधी को साल 2004 में सिलवासा में एक नाबालिग लड़की के अपहरण, बलात्कार और हत्या के मामले में कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

उत्तर प्रदेश के औरैया के आलमगीर गांव का रहने वाला है गिरफ्तार कैदी

उत्तर प्रदेश के औरैया के आलमगीर गांव के मूल निवासी सुंदरसिंह भूरेसिंह राजपूत को वडोदरा क्राइम ब्रांच के पैरोल और फर्लो दस्ते ने गिरफ्तार किया था। डीसीबी के एक बयान के अनुसार, आजीवन कारावास का सजायाफ्ता कैदी राजपूत दिसंबर 2008 में मिली 35 दिन की छुट्टी पर जेल से निकलने के बाद भाग गया था। पुलिस टीम तब से उसकी तलाश कर रही थी।

फरारी के दौरान कई शहरों में मजदूरी का काम, शादी की और पिता भी बना

डीसीबी की ओर से कहा गया, “दोषी अपराधी 4 दिसंबर, 2008 को छुट्टी मिलने के बाद भाग गया था और उसे 9 जनवरी, 2009 को जेल में रिपोर्ट करना था… हालांकि, उसने अपनी छुट्टी अपने पैतृक गांव में बिताई और उसके बाद नई दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, अहमदाबाद और मेहसाणा में भाग गया और निर्माण स्थलों (कंस्ट्रक्शन साइट्स) पर लोहे की छड़ों को काटने में शामिल एक मजदूर के रूप में काम किया। उससे हुई प्राथमिक पूछताछ में पता चला कि उसने फरारी के दौरान शादी भी की और उसका एक बेटा भी है।”

जनवरी 2009 में रावपुरा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की गई

डीसीबी ने कहा कि फरार कैदी राजपूत के खिलाफ वडोदरा सेंट्रल जेल ने जनवरी 2009 में रावपुरा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की थी कि वह अपनी छुट्टी के बाद वापस हाजिर नहीं हुआ था। इसके बाद डीसीबी ने फरार राजपूत को ट्रैक करने के लिए लोगों और तकनीकी खुफिया जानकारी का इस्तेमाल किया था। आधिकारिक बयान में कहा गया, ”हमें इनपुट मिला कि राजपूत मेहसाणा के कादी में एक निर्माण स्थल पर काम कर रहा था। इसके बाद हमने मेहसाणा में कई निर्माण स्थलों की खोज की और राजपूत का पता लगाया।”

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क्राइम ब्रांच ने 14 साल से फरार कैदी को वडोदरा सेंट्रल जेल को सौंपा

वडोडरा पुलिस की अपराध शाखा (Crime Branch) के उप-निरीक्षक (SI) जे के वसावा के नेतृत्व में एक टीम ने फरार कैदी राजपूत का पता लगाया। गिरफ्तारी के बाद राजपूत को अब वडोदरा सेंट्रल जेल को सौंप दिया गया है।