मुंबई से एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है। यहां मुंबई हवाई अड्डे पर पुलिस ने गुजरात के एक ऐसे जोड़े को पकड़ा जो फर्जी पास्टपोर्ट का इस्तेमाल कर लंदन जाने वाले थे। इतना ही नहीं जांच में पता चला कि दंपत्ति पिछले 5 सालों से फर्जी पोस्टपोर्ट पर कई देशों की यात्रा कर चुके हैं। इन सब में एक एजेंट ने इनकी मदद की थी। इस बार वे पुर्तगाल के पासपोर्ट पर लंदन जाने की तैयारी कर रहे थे। वे लंदन जाने के लिए फ्लाइट पकड़ते इससे पहले ही मुंबई की सहार पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
आरोपियों की पहचान माल्देभाई केशवभाई माधोवाडिया (28) और हीरल माल्देभाई माधोवाडिया (30) के रूप में हई है। वे बुधवार को मुंबई छत्रपति शिवाजी महाराज अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से अबू धाबी के लिए उड़ान भरने वाले थे। अबू धाबी पहुंचने के बाद उन्हें डबलिन (आयरलैंड) के लिए फ्लाइट पकड़ने वाले थे।
इमिग्रेशन चेकिंग काउंटर पर नाम डालते ही खुल गई पोल
बुधवार शाम को जब वे इमिग्रेशन चेकिंग काउंटर पर पहुंचे तो खुद को पुर्तगाल के नागरिक मोहसिन अब्दुल कादिर सलेमान और एलॉयश एंजेला फर्नांडीस बताया। जब अधिकारी रवि राजेशकुमार ने सिस्टम में सलेमान का नाम दर्ज किया तो उन्हें पता चला कि विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (FRRO) मुंबई ने उसे ‘लुक आउट’ पर रखा था क्योंकि वह किसी और के पासपोर्ट पर यात्रा कर रहा था। जांच में पता चला कि शख्स की पत्नी भी नकली पासपोर्ट पर यात्रा कर रही थी।
इसके बाद इमिग्रेशन ऑफिसर दोनों को आगे की पूछताछ के लिए अपने उच्च अधिकारियों के पास ले गया। जांच में पता चला कि दोनों मूल रूप से गुजरात के देवभूमि द्वारका जिले के रहने वाले हैं। वे 2018 में भारतीय पासपोर्ट पर लंदन गए थे और ब्रिटेन के लीसेस्टर में काम करना शुरू किया था।
लंदन पहुंचने के बाद एक गुजराती एजेंट की मदद से दोनों पुर्तगाल के लिस्बन गए और फिर नकली पुर्तगाली पासपोर्ट बनवा लिया। जांच में यह भी सामने आया कि वे पुर्तगाली पासपोर्ट का उपयोग कर लंदन गए और दो बार भारत भी आए। इस मामले में पुलिस अधिकारी का कहना है कि वे दो जून को पुर्तगाली पासपोर्ट का उपयोग कर फिर से भारत आए थे और 12 जुलाई को लंदन जाने वाले थे। इसके पहले ही उन्हें पकड़ लिया गया और पुलिस को सौंप दिया गया। इमिग्रेशन ऑफिसर की शिकायत पर कपल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया।