सोशल मीडिया पर जानवरों के साथ बुरा बर्ताव करने वालों के वीडियो सामने आते रहते हैं। इसी तरह का एक वीडियो और वायरल हो रहा है। ग्रेटर नोएडा का ये वीडियो बताया जा रहा है, जिसमे एक नाबालिग लड़का एक पपी को झाड़ियों में से उठाकर सड़क के नीचे फेंक रहा है। इस दौरान वहां एक आदमी भी खड़ा है, जिसकी निगरानी में बच्चा पपी को फेंक रहा है। वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है।
अधिकारियों ने रविवार (4 फरवरी) को बताया कि ग्रेटर नोएडा पुलिस ने एक नाबालिग लड़के द्वारा कथित तौर पर एक पपी को फेंकने की घटना में अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इस घटना में पपी की मौत हो गई।
एक एनजीओ पीपल फॉर एनिमल्स (PFA) के एक वालंटियर की एक शिकायत के आधार पर एफआईआर दर्ज कराई गई। शिकायत में लड़के की उम्र 8-10 साल बताई गई है और वह टॉवर आर -14, एवेन्यू गौर सिटी -2 का निवासी है। एफआईआर में कहा गया है कि पूरा कृत्य कैमरे में कैद हो गया और रील के रूप में सोसायटी ग्रुप्स और सोशल मीडिया पर शेयर किया गया।
एफआईआर के अनुसार पपी झाड़ी में छिपा हुआ था। इस दौरान अन्य पपी भी वहां मौजूद थे। नाबालिग बच्चे ने एक को उठाया और वह चिल्लाता रहा, लेकिन नाबालिग का दिल नहीं पसीजा और उसने पपी को फेंक दिया।
एफआईआर में कहा गया है कि पपी के रोने की आवाज पर भी लड़के ने कथित तौर पर उसे ऊंचाई से फेंकने से खुद को नहीं रोका, जिससे उसकी मौत हो गई। एफआईआर में लड़के को जुवेनाइल कोर्ट के सामने पेश करने और उसकी मानसिक स्थिति की जांच करने की मांग की गई है।
PFA की वालंटियर सुरभि रावत ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, “उसी सोसायटी में, कुछ दिन पहले एक व्यक्ति ने जानबूझकर एक पपी को अपने गाड़ी के नीचे कुचल दिया था। एक और पपी संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाया गया था। संभवतः उसे जहर दिया गया था। शव टेस्ट कराया जाएगा। पपी के खिलाफ इस तरह की क्रूरता का कारण है समाज के व्हाट्सएप ग्रुप पर नफरत फैलाई गई। आजकल बच्चों के पास फोन हैं और वे आसानी से वयस्कों से प्रभावित हो जाते हैं जो भय फैलाने में लगे रहते है और दिन भर आवारा जानवरों के प्रति नफरत फैलाते हैं।”