Greater Noida News: दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा से ठगी का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां कार फाइनेंस करने के नाम पर ठगों ने एक शख्स को लाखों का चुना लगा दिया। पूरे मामले में गौर सिटी 7th एवेन्यू के रहने वाले आशीष ने बैंक और पुलिस पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है।

पीड़ित ने कार की बुकिंग की थी

दरअसल, पेशे के व्यापारी आशीष ने इसी साल अक्तूबर महीने में कार की बुकिंग थी। उन्होंने जनसत्ता से बातचीत के दौरान बताया कि उन्होंने दिल्ली के मोहन कोऑपरेटिव इलाका स्थित यूनाइटेड ऑटोमोबाइल के XUV 700 AX7L कार की बुकिंग की थी।

हालांकि, दिल्ली स्थित यूनाइटेड ऑटोमोबाइल से कार बुक करने के पहले उन्होंने यूनाइटेड ऑटोमोबाइल के ही फरीदाबाद आउटलेट से भी कार खरीदने को लेकर क्वेरी की थी और वहां के डीलर रमेश राठौर से कार खरीदने की बात कही थी।

आशीष ने जनसत्ता को बताया कि जब उन्होंने दिल्ली वाले स्टोर से कार की बुकिंग कर ली तो उन्हें रमेश का फोन आया और उन्होंने कार फरीदाबाद आउटलेट से ही खरीदने को उन्हें राजी कर लिया। ऐसे में उन्होंने फरीदाबाद आउटलेट जाकर 18 नवंबर को कार खरीदने के लिए बुकिंग दिल्ली स्टोर से वहां ट्रांस्फर करा दी।

पुष्टि करने के बाद लोन लेने का फैसला किया

इसी बीच उन्हें एक फाइनेंस कंपनी के शख्स का कॉल आया और उसने रमेश का रेफरेंस देकर उन्हें कार लोन देने की पेशकश की। चूंकि आशीष को लोन चाहिए था, इसलिए उन्होंने रमेश से शख्स के संबंध में पुष्टि करने के बाद उससे लोन लेने का फैसला लिया।

आशीष के मुताबिक 14 नवंबर को फाइनेंस वाला शख्स एक और युवक को लेकर उनके घर आया और उनकी पत्नी से तीन चेक ले लिए। इस दौरान उन्होंने आशीष को बातों में उलझा कर रखा, जिस कारण वो चेक खुद से भर नहीं पाया और केवल उसमें साइन करके उसे उनलोगों को सौंप दिया।

पत्नी के खाते से पैसे निकालकर अपने खाते में डाला

उन्होंने बताया कि उन्हें कार के लिए कुछ डाउन पेमेंट भी करना था। लेकिन 18 तारीख तक उनके पास पैसे नहीं आ पाए। इसलिए 19 नवंबर को उन्होंने पत्नी के इंडियन ओवरसीज बैंक के खाते 5 लाख 40 हजार रुपये निकाल कर अपने HDFC बैंक के खाते में जमा करा दिया।

इस दौरान फाइनेंस वाला शख्स लगातार उनके संपर्क में रहा और इस बात की पुष्टि करता रहा कि पैसे उन्होंने अपने खाते में ट्रांस्फर किए या नहीं। पैसे ट्रांस्फर करने के बाद आशीष ने रमेश राठौर को पेमेंट करना चाहा तो पाया कि उनके खाते में पैसे नहीं हैं।

बैंक कर्मियों ने मदद करने के बजाय की बदसलूकी

ऐसे में वो अपने ब्रांच गए और इस संबंध में पूछताछ की। इस दौरान पता चला कि एक अन्य शाखा से चेक की मदद से साढ़े पांच लाख रुपये कैश निकाल लिए गए हैं। आशीष ने आरोप लगाया कि जब वे उक्त ब्रांच पहुंचे और अपनी समस्या बताई तो बैंक कर्मियों ने मदद करने के बजाय उनके साथ बदसलूकी की।

आशीष का आरोप है कि बैंक वालों की भी पूरे मामले में मिलीभगत है। फिलहाल उन्होंने पुलिस में मामला दर्ज करा दिया है। हालांकि, सीसीटीवी फुटेज देखने के बाद पुलिस का कहना है कि उन्होंने जब खुद ही चेक उन लोगों को दिया है तो इसमें पुलिस कैसे कार्रवाई करेगी। पूरी घटना उनकी लापरवाही के कारण हुई है।

आशीष का कहना है, “पांच लाख 25 हजार कैश निकाल लिया गया है, चेक के पीछे साइन मिसमैच है। क्रॉस एक्सप्रेशन दिख रहा है, स्टांप ऑथराइज्ड सैनेट्री का है जो कि मेरा नहीं है। इस मामले में अभी तक एफआई दर्ज नहीं हो पाया है। 20 तारीख से कभी वल्लभगढ़ , कभी नोएडा, सीपी ऑफिस दौड़ रहे हैं अभी तक एफ आई आर दर्ज नहीं हो पाई है। अभी तक नहीं कोई जांच शुरू हुआ है। फरीदाबाद थाना सेक्टर 31 दिसंबर 8 को गया था जहां पर शिकायत को बंद कर दिया गया है। अगर सही समय कुछ नहीं हुआ तो बैंक मैनेजर के द्वारा सबूत मिटाए जा सकते हैं, हमको इसी का डर है क्योंकि जो आदमी बिना कोई वेरिफिकेशन किए किसी को बैंक से पैसा निकाल कर दे सकता है वह कुछ भी कर सकता है।”