लखनऊ से 90 किलोमीटर उत्तर में सीतापुर के हरगांव में एक लड़की एक दूसरे समुदाय के लड़के के प्यार में पागल थी। दोनों ने साथ जीने-मरने की कसमें खाई थीं। अब चूंकि दोनों अलग-अलग धर्मों से थे इसलिए जमाने को उनका प्यार मंजूर नहीं था। दरअसल, लड़का मुस्लिम था और लड़की हिंदू। लड़की के परिवार वालों को उनका मिलना जुलना पसंद नहीं था। लड़की कहीं ना कहीं जानती थी कि उसके घऱवाले कभी दोनों की शादी के लिए तैयार नहीं होंगे। शायद यही वजह थी कि वह लड़के के साथ तीन बार भाग चुकी थी। मामला तब बिगड़ गया जब लड़की के परिजनों ने लड़के के माता-पिता की हत्या कर दी। चलिए बताते हैं कि पूरा मामला क्या है?
दरअसल, लड़की के बार-बार भागने के कारण उसके परिजन परेशान थे। उन्हें लगता था कि इससे उनकी बदनामी हो रही है। दोनों के परिवार पड़ोसी थे। कपल के बीच रिश्ते के कारण दोनों परिवारों में दुश्मनी हो गई। इसके बाद लड़के के माता-पिता को लड़की के परिजनों ने लोहे की छड़ और लाठियों से बेरहमी से पीट-पीटकर मार डाला। मृतक की पहचान 55 साल के मोहम्मद अब्बास और 53 साल के कमरुल निसा के रूप में हुई।
इस मामले में पुलिस ने कहा कि मृतक दंपत्ति का बेटा पड़ोस में रहने वाली लड़की से प्यार करता था। लड़की हिंदू धर्म की थी। कथित तौर पर उनके अफेयर के कारण दोनों परिवारों में दुश्मनी हो गई। इसी कारण लड़की के परिवार ने लड़के के माता-पिता को जान से मार दिया। दिन प्रतिदिन दोनों परिवारों के बीच होने वाली लड़ाई ने लड़की के माता-पिता को अपराध के लिए उकसाया।
पुलिस ने लड़की के भाई शैलेन्द्र जयसवाल, उसके बहनोई पल्लू जयसवाल और परिवार के एक करीबी मित्र अमरनाथ कुमार को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि उसके माता-पिता रामपाल (48) और रमापति (42) अभी भी फरार हैं। मृतक दंपत्ति की बेटी यासमीन ने एफआईआर दर्ज कराई थी जिसके बाद आरोपियों की गिरफ्तारी हुई। पांच लोगों पर दंगा, हत्या और हमले के आरोप में मामला दर्ज किया गया है।
उस प्रेम कहानी के बारे में जान लीजिए जिस कारण यह सब हुआ
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, अब्बास और जयसवाल परिवार के बीच दुश्मनी 2020 में शुरू हुई। उस समय अब्बास का 28 साल का बेटा शौकत उसी इलाके में रहने वाली जायसवाल की बेटी के साथ भाग गया था। हालांकि वह लड़की 18 साल की नहीं हुई थी। वह नाबालिग थी। इस कारण उस समय शौकत पर अपहरण, बलात्कार और POCSO अधिनियम के उल्लंघन के आरोप लगे। इसके बाद शौकत ने 23 महीने जेल में बिताए। उसे अप्रैल में जमानत पर रिहा कर दिया गया। हालांकि, इसके बाद हालात और खराब हो गए क्योंकि दोनों फिर से भाग गए। जिससे बाद लड़की के माता-पिता ने दोबारा मामला दर्ज कराया।
रिपोर्ट के अनुसार, दूसरी बार लड़की ने अदालत में गवाही दी कि वह अपनी मर्जी से शौकत के साथ भागी थी। इस कारण शौकत को बरी कर दिया गया। हालांकि जयसवाल परिवार ने 26 मई को अपनी बेटी की शादी किसी और लड़के से तय कर दी मगर लड़की 14 अगस्त को एक बार फिर शौकत के साथ भाग गई। यह तीसरी बार था जब दोनों घर से भागे थे।
जोड़े को पुलिस ने सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया
इसके बाद 18-19 अगस्त की दरमियानी रात लड़की का परिवार कथित तौर पर शौकत के माता-पिता से मिलने उनके घर गया था। इस मामले में हरगांव के SHO बीपी सिंह ने कहा कि पुलिस को अगले दिन (19 अगस्त) इस अपराध के बारे में जानकारी मिली। इसके बाद लड़के के माता-पिता का शव बरामद हुआ। रिपोर्ट में कहा गया है कि यास्मीन ने पांच संदिग्धों का नाम लेते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। अधिकारियों ने हत्या के बाद जोड़े की सुरक्षा बढ़ा दी है और उन्हें एक अज्ञात स्थान पर भेज दिया है।