Gauri Lankesh Murder Case: पत्रकार गौरी लंकेश की साल 2017 में हुई हत्या मामले के कई आरोपियों का बचाव करने वाले प्रमुख वकील ने अप्रैल की एक घटना का हवाला देते हुए पुलिस सुरक्षा की मांग करते हुए बेंगलुरु की एक अदालत का दरवाजा खटखटाया है। तब देर रात उनकी कार पर कथित तौर पर गोलीबारी की गई थी।

13 अप्रैल की मडिकेरी ग्रामीण पुलिस के पास FIR, कोर्ट में जमा की कॉपी

एडवोकेट पी कृष्णमूर्ति ने देर रात उनकी कार पर कथित गोलीबारी के बारे में 13 अप्रैल की मडिकेरी ग्रामीण पुलिस एफआईआर की एक प्रति के साथ गुरुवार को कोर्ट में एक ज्ञापन दायर किया। कोर्ट ने मडिकेरी एसपी से कृष्णमूर्ति को सुरक्षा मुहैया कराने पर रिपोर्ट मांगी है। दिलचस्प बात यह है कि फोरेंसिक जांच से संकेत मिलता है कि कृष्णमूर्ति की कार पर चलाई गई गोली सामने के बाएं दरवाजे के अंदर लगी थी।

विहिप-बजरंग दल की बैठक से लौटते समय मदिकेरी में देर रात हुआ था हमला

गौरी लंकेश हत्याकांड के मुकदमे में पांच प्रमुख आरोपियों का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रमुख बचाव वकील पी कृष्णमूर्ति ने 13 अप्रैल को शिकायत दर्ज कराई थी कि वीएचपी-बजरंग दल के सदस्यों की बैठक से लौटते समय मदिकेरी में रात करीब 11 बजे उनकी कार पर गोली चलाई गई थी। एफआईआर के मुताबिक, कृष्णमूर्ति ने गोली चलने की आवाज सुनी और पाया कि सामने की बाईं खिड़की अंदर से टूटी हुई है। दरवाजे के अंदर एक छेद था, सीट और चटाई पर टूटा हुआ शीशा पड़ा हुआ था। एडवोकेट कृष्णमूर्ति ने दावा किया कि यह उन्हें जान से मारने की कोशिश थी।

पुलिस ने हत्या के प्रयास और हथियार के इस्तेमाल का मामला दर्ज किया था

पुलिस ने हत्या के प्रयास और हथियार के इस्तेमाल का मामला दर्ज किया है। वहीं, पुलिस सूत्रों ने बताया कि प्वाइंट 22 राइफल का इस्तेमाल किया गया लेकिन गोली बाएं दरवाजे के अंदर लगी, बाहर नहीं। जांच से परिचित कई सूत्रों ने कहा कि गोली के अंदर की ओर जाने का रास्ता बताता है कि जब दरवाजा खुला था और कार खड़ी थी तो संभवत: अंदर से गोली चलाई गई थी।

कोडागु के एक पुलिस अधिकारी ने कहा, गोलीबारी मामले के निष्कर्षों पर एक बैलिस्टिक रिपोर्ट प्राप्त कर ली गई है और आगे की जांच चल रही है। पुलिस यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि गोली कार के अंदर कैसे लगी और गोली चलने के समय बंदूक की स्थिति क्या थी।

विश्व हिंदू परिषद से जुड़े हैं 45 वर्षीय एडवोकेट पी कृष्णमूर्ति

45 वर्षीय विहिप सदस्य पी कृष्णमूर्ति गौरी लंकेश हत्या मामले के प्रमुख आरोपियों अमोल काले, गणेश मिस्किन, अमित देगवेकर, राजेश बंगेरा और शरद कालस्कर का कोर्ट में प्रतिनिधित्व करते हैं। वे सभी कट्टरपंथी दक्षिणपंथी संगठनों से जुड़े हुए हैं। अमोल काले और अमित देगवेकर अतीत में सनातन संस्था और उसकी सहयोगी हिंदू जनजागृति समिति (HJS) के साथ निकटता से जुड़े थे। इन दोनों ही संगठनों को हिंदुत्व की हार्डलाइनर संस्था बताया जाता है।

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एचजेएस ने गोलीबारी में PFI और नक्सलियों की साजिश की आशंका जताई

वकील पर 12 अप्रैल को कथित गोलीबारी की घटना के तुरंत बाद एचजेएस के पदाधिकारियों ने 13 अप्रैल को कर्नाटक पुलिस मुख्यालय से संपर्क किया और मामले में गहन जांच की मांग करते हुए एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा। एचजेएस कर्नाटक इकाई ने 13 अप्रैल को सोशल मीडिया पर कहा, “मदीकेरी जिले में वकील कृष्णमूर्ति पर गोलीबारी में पीएफआई और नक्सलियों की संभावित भूमिका की जांच करें।”