आज जब हम एनकाउंटर का नाम सुनते हैं तो कई सारे फ़िल्मी दृश्य आंखो के सामने से गुजर जाते हैं। लेकिन आज हम आपको बताएंगे देश के पहले एनकाउंटर के बारे में जिसमें 80 के दशक में मुंबई में खौफ का नाम बन चुके मान्या सुर्वे को ढेर कर दिया गया था। इस एनकाउंटर और मान्या सुर्वे के ऊपर बाद में अभिनेता जॉन अब्राहम ने फिल्म ‘शूटआउट ऑफ वडाला’ भी बनाई थी।
मान्या सुर्वे का असली नाम मनोहर अर्जुन सुर्वे था। मान्या सुर्वे, मुंबई के कीर्ति कॉलेज से ग्रेजुएट था और अपने सौतेले भाई भार्गव के चलते अपराध की दुनिया में आया था। मनोहर सुर्वे को उसके दोस्त ‘मान्या’ नाम से बुलाते थे। पढ़ाई के दौरान ही उसने अपने कुछ दोस्तों के साथ एक गैंग शुरू कर दिया। साल 1969 में मान्या सुर्वे ने अपने भाई के साथ मिलकर एक शख्स की हत्या कर दी। इसी मामले में उसे आजीवन कारावास की सजा हुई।
हत्या के मामले में आजीवान कारावास की सजा काटने के लिए मान्या सुर्वे को अन्य के साथ पुणे के यरवदा जेल में रखा गया। जेल में जाने के बाद मान्या सुर्वे का आतंक चरम पर था, जेल प्रशासन ने परेशान होकर उसे रत्नागिरी जेल भेज दिया। मान्या सुर्वे भड़क गया और रत्नागिरी जेल में भूख हड़ताल पर बैठ गया। हड़ताल के चलते वह बीमार हो गया और उसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया। इसी अस्पताल से मान्या चकमा देकर फरार हो गया।
14 नवंबर 1979 को पुलिस हिरासत से भागा मान्या अब मुंबई पहुंच गया और हत्या, लूट जैसी घटनाओं को अंजाम देने लगा। मान्या की गैंग खतरनाक इसलिए भी थी क्योंकि उसकी गैंग में कई बड़े गैंगस्टर और खतरनाक माफिया शामिल हो चुके थे। 80 की दशक में मान्या का आतंक चरम पर पहुंच चुका था। शहर के लोगों में उसका बड़ा खौफ था और इसी बीच उसने दाउद इब्राहिम के बड़े भाई शब्बीर इब्राहिम कासकर की हत्या कर दी।
दाउद की हत्या के बाद मान्या की दुश्मनी दाउद इब्राहिम से हो ही चुकी थी, लेकिन अब मुंबई पुलिस भी सवालों के घेरे में थी। इस दौरान मान्या का गैंग पुलिस के निशाने पर था और लगातार गिरफ्तारियां जारी थी। काफी मशक्कत के बाद मान्या सुर्वे को पकड़ने की जिम्मेदारी मुंबई पुलिस की एनकाउंटर स्क्वाड को दे दिया गया।
साल था 1982 और तारीख था 11 जनवरी, पुलिस को इनपुट था कि इस दिन मान्या सुर्वे वडाला के आंबेडकर कॉलेज के पास अपनी प्रेमिका विद्या जोशी से मिलने आने वाला है। इसके बाद पुलिस उसकी प्रेमिका के सहारे मान्या सुर्वे तक जा पहुंची। थोड़ी ही देर बाद मुंबई पुलिस की एनकाउंटर स्क्वाड को लीड कर रहे इशाक बागवान की टीम ने मान्या सुर्वे को एक मुठभेड़ में ढेर कर दिया।