ओडिशा से हैरान करने वाली खबर सामने आई है, यहां एक 22 साल की महिला ने 5 लोगों पर फर्जी गैंगरेप का केस दर्ज कराया था। मामले में अब पुलिस का कहना है कि मयूरभंज जिले में 22 साल की महिला के साथ कथित सामूहिक बलात्कार की घटना जांच के बाद फर्जी और साजिश साबित हुई है। पुलिस के मुताबिक जेल में बंद दो व्यक्ति अपने प्रतिद्वंद्वियों से बदला लेना चाहते थे और इसके लिए उन्होंने दो महिलाओं का इस्तेमाल किया। उसके मुताबिक अबतक यह तय नहीं किया है कि झूठा बलात्कार का मामला दर्ज कराने के लिए दोनों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाए।
महिला के साथ बलात्कार हुआ ही नहीं था-
पुलिस ने शनिवार को कथित पीड़िता की शिकायत के आधार पर मयूरभंज जिले के उदाला थाने में सामूहिक दुष्कर्म का मामला दर्ज किया। उदाला के अनुमंडल पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) ऋषिकेश नायक ने बताया कि बाद में जांच के दौरान खुलासा हुआ कि महिला के साथ बलात्कार हुआ ही नहीं था। नायक ने बताया कि महिला ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि 29 अगस्त को उदाला-बालासोर राज्य राजमार्ग पर नौकरी का झांसा देकर पांच लोगों ने उसका यौन उत्पीड़न किया था।
ऐसे हुआ खुलासा-
पुलिस ने मामले की जांच शुरू की और दो लोगों को गिरफ्तार किया। उन्होंने आगे बताया कि बाद में पुलिस की जांच में खुलासा हुआ कि आरोप झूठा था। दो नामजद आरोपियों में से एक कथित घटना के समय तेलंगाना में था। नायक ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘महिला और उसकी मां ने मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में पुलिस के सामने स्वीकार किया है कि उन्होंने झूठा आरोप लगाया था।’’
उन्होंने यह भी कहा कि अलग-अलग मामलों में जेल की सजा काट रहे दो लोगों ने अपने प्रतिद्वंद्वियों से बदला लेने के लिए मां और उसकी बेटी का इस्तेमाल कर बलात्कार का झूठा मामला दर्ज कराया।
नायक के अनुसार, ‘‘यह साजिश जेल में रची गई। दोनों कथित पीड़िता की मां को जानते थे।’’ कथित पीड़िता और उसकी मां ने मीडिया से बात करने से इनकार कर दिया। विपक्षी कांग्रेस ने रविवार को कथित सामूहिक बलात्कार की घटना की जांच के लिए एक तथ्य अन्वेषण समिति का गठन किया था।