इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) से जुड़े विवादों और घोटालों के बीच लंदन चले गए ललित मोदी एक बार फिर मुश्किलों में फंसते नजर आ रहे हैं। दरअसल, ललित मोदी पर पूर्व भारतीय मॉडल और निवेशक गुरप्रीत गिल माग ने लंदन हाई कोर्ट में कथित धोखाधड़ी और अनुबंध के उल्लंघन को लेकर मुकदमा दर्ज कराया है। बताया जा रहा है कि गुरप्रीत गिल माग ने मुआवजे के तौर पर 50 करोड़ रूपये की भी मांग की है।

मॉडल से निवेशक बनी गुरप्रीत गिल माग ने दावा किया है कि ललित मोदी ने उनकी कंपनी आयन केयर में लगभग 14 करोड़ रूपये का निवेश करने के नाम पर धोखाधड़ी की है। जिसके चलते गुरप्रीत ने दावा किया कि उन्हें करीब 7.5 करोड़ का नुकसान उठाना पड़ा है। हालांकि, अब कोर्ट में जा चुके इस मामले में सुनवाई जारी है।

इस मामले में ब्रिटेन के चांसरी डिविजन में जज मुरे रोसेन क्यूसी के नेतृत्व में सुनवाई हो रही है। इस केस में अदालत यह जानने का प्रयास कर रही है कि ललित मोदी ने साल 2018 में विश्वव्यापी कैंसर ट्रीटमेंट प्रोजेक्ट के लिए फर्जी दस्तावेज उपलब्ध कराए थे या नहीं। हालांकि, आईपीएल के संस्थापक रहे ललित मोदी ने इन आरोपों पर लिखित सबूत देकर खंडन किया है।

कोर्ट के दस्तावेजों के मुताबिक, गुरप्रीत गिल माग के मालिकाना हक़ वाली क्वांटम केयर लिमिटेड ने ललित मोदी की कंपनी आयन केयर के लिए दुबई में फोर सीजंस होटल में एक अच्छा प्रस्ताव रखा था। निवेशक गुरप्रीत माग और उनके पति डेनियल माग ने बताया कि ललित मोदी ने कहा था कि कई जानी-मानी हस्तियों और बड़े लोगों ने आयन केयर के संरक्षक के रूप में काम करने व भागीदारी के लिए 26 करोड़ डॉलर की वित्तीय प्रतिबद्धता पर सहमति जताई है।

साथ ही गुरप्रीत माग ने कहा कि ललित मोदी ने इस सन्दर्भ में यह भी बताया था कि कई जाने-माने व प्रभावशाली लोग आयन केयर का ब्रांड एम्बेसेडर बनने के लिए भी राजी हुए हैं। वहीं, मोदी से उन्हें 20 लाख डॉलर निवेश करने को भी कहा गया था। इसके बाद, गुरप्रीत माग की कंपनी क्वांटम केयर ने 14 नवंबर 2018 को करीब 10 लाख डॉलर का निवेश किया और बाकी 10 लाख डॉलर रोक लिए थे। क्योंकि, आयन केयर का कारोबार कभी शुरू ही नहीं हुआ।

ऐसे में गुरप्रीत माग ने जो पैसा आयन केयर में निवेश किया था, वह उसका इस्तेमाल कहीं और नहीं कर पाई; जिसके चलते उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ा। गुरप्रीत माग के वकील ने कहा है कि, क्वांटम केयर का आरोप है कि साल 2018 के अप्रैल महीने में हुई बैठक में ललित मोदी ने झूठा वर्णन किया था और अभ्यावेदन करते समय लापरवाही भी बरती थी। बता दें कि, ललित मोदी आईपीएल से जुड़े विवादों के बीच साल 2010 में ही लंदन चले गए थे।