देश के मोस्टवांटेड अपराधियों में शामिल दाऊद इब्राहिम न जाने कहां छिपा हुआ है? इस बात का किसी के भी पास पुख्ता प्रमाण नहीं हैं। देश और दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में डी-कंपनी के जरिए गैरकानूनी कारोबार और आपराधिक वारदातों को अंजाम देना दाऊद का शगल रहा।

दाऊद इब्राहिम मुंबई सहित देश के अन्य शहरों में भी अपने सहयोगियों के साथ मिलकर अपने काले कारोबार को चलाता था। हालांकि, दूसरों के लिए खौफ का पर्याय रहे इस अंडरवर्ल्ड डॉन ने खुद भी कबूला था कि वह दो नंबर (गैरकानूनी) का धंधा करता है। इस वाकये को डीआरआई के पूर्व डायरेक्टर जनरल बी.वी. कुमार ने अपनी किताब “DRI एंड द डॉन्स” में लिखा है। बी.वी. कुमार के मुताबिक दाऊद इब्राहिम को जिस तरह फिल्मों में दिखाया गया, वह उस कद-काठी का नहीं बल्कि सामान्य इंसान की तरह था।

डीआरआई के पूर्व डायरेक्टर कुमार अपनी किताब में दाऊद इब्राहिम से जुड़ा हुआ किस्सा लिखते हुए बताते हैं कि- उस वक्त वह अहमदाबाद में सीमा शुल्क आयुक्त के पद पर थे और एक दिन उन्हें सूचना मिली कि दाऊद इब्राहिम को गर्दन में गोली लगी है और वह बड़ौदा के सयाजी अस्पताल में एडमिट है। ऐसे में मैंने तुरंत बड़ौदा के तत्कालीन पुलिस आयुक्त पीके दत्ता से बात की।

बी.वी. कुमार बताते हैं कि, जब वह सयाजी अस्पताल पहुंचे तो पाया कि चोट मामूली है और प्राथमिक इलाज से काम चल जाएगा। दरअसल, पोरबंदर से मुंबई जाते वक्त गोली करीम लाला के करीबी आलमजेब पठान के लिए चलाई गई थी, लेकिन गलती से फायर की चपेट में दाऊद भी आ गया था। ऐसे में मैंने बाद में पुलिस आयुक्त के कार्यालय में उससे आधे घंटे पूछताछ की थी।

कुमार के मुताबिक, दाऊद इब्राहिम ने पूछताछ के दौरान स्वीकार किया था कि “वह नंबर दो का धंधा (गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल) करता है। बकौल बी.वी. कुमार, पूछताछ के दौरान दाऊद इब्राहिम काफी साधारण व शांत दिख रहा था। पूछताछ के बाद कुमार अहमदाबाद लौटा आए और फिर दाऊद के खिलाफ कोफेपोशा (Conservation of Foreign Exchange and Prevention of Smuggling Activities Act) के तहत डिटेंशन वारंट जारी किया था।

बी. वी. कुमार लिखते हैं कि उस वक्त दाऊद को हिरासत में लेकर पूछताछ करने और विदेशी मुद्रा संरक्षण और तस्करी रोकथाम अधिनियम यानी कोफेपोशा (COFEPOSA) के तहत बुक करने वाली हम प्रमुख एजेंसी थे। हालांकि, 1983 में हिरासत में लिए जाने के बाद केस की सुनवाई गुजरात उच्च न्यायालय में हुई थी लेकिन वह बेल जंप करके दुबई भाग गया था और आज तक वह इस मामले में वांछित अपराधी है।