हिमाचल प्रदेश में ‘क्रिप्टो करेंसी’ के नाम पर एक लाख लोगों को लूटा जा चुका है। जिसमें निवेशकों से 2,500 करोड़ से ज्यादा की ठगी हो चुकी है। मामला विधानसभा में उठने के बाद एसआईटी अभी तक इस मामले में चार मुख्य सरगनों सहित दो दर्जन आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। पूरा हिमाचल इसमें खुद को ठगा महसूस कर रहा है क्योंकि प्रदेशवासियों के खून पसीने की गाढ़ी कमाई ठगों ने उड़ा ली। अभी यह मामला सुर्खियां में है। इसी तरह की ठगी का एक अन्य मामला सामने आया है जिसे ‘फोरेक्स ट्रेडिंग’ के जरिये अंजाम दिया गया।

इस फर्जीवाड़े में ‘क्यूएफएक्स’ के मंडी में नागचला और पंजाब में जीरकपुर सहित दो कार्यालयों को सील कर दिया गया है। जांच में पाया गया कि यह कार्यालय बिना लाइसेंस संचालित किए जा रहे थे।

पुलिस अधीक्षक मंडी सौम्या सांबशिवन ने गुरुवार को माडिया से बताया कि इसमें कुछ शिकायतें मिलने के बाद जब पुलिस ने जांच शुरू की तो बड़ा घोटाला सामने आया। इसमें अब तक 210 करोड़ की ठगी सामने आ चुकी है।

पंजाब से गोवा तक फैला है तार

उन्होंने बताया कि धोखाधड़ी का यह एक अलग जाल है जिसके तार पंजाब, चंडीगढ़, हरियाणा, दिल्ली के अलावा गुजरात व गोवा तक फैले हैं। इसमें भी लाखों लोगों लोगों से ठगी हुई।

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि शिकायतों के आधार पर जब पुलिस ने जांच शुरू की तो दो लोगों को गिरफ्तार किया गया। इनमें एक आरोपी को तो दिल्ली एयरपोर्ट से पकड़ा गया है जहां से वह विदेश भागने की फिराक में था।

पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपियों के 30 लाख रुपए के बैंक खाते ‘सीज’ कर दिए है। हालांकि, अभी मुख्य आरोपी हत्थे नहीं चढ़ा है। उसे दबोचने के लिए प्रयास और इसमें जांच चल रही है। पुलिस अधीक्षक के अनुसार, क्रिप्टो करंसी की तरह ‘फोरेक्स ट्रेडिंग’ के नाम पर भी मोटे मुनाफे के लालच में लोगों को ठगा गया है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वह मोटा मुनाफा देने का लालच देने वालों से सावधान रहें तथा इस तरह के निवेशों से बचें।