UP Crime News: कौशांबी में होटल रेडिसन के मालिक ने आरोप लगाया कि कुछ लोगों के एक ग्रुप ने मंगलवार को उनके ऑफिस में घुसकर उनके साथ मारपीट की और धमकी दी। उसकी शिकायत पर गाजियाबाद पुलिस ने बुधवार को कई लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। शिकायत करने वाले ने यह भी कहा कि राज्यसभा सांसद अनिल अग्रवाल ने बाद में उन्हें फोन किया और समझौता करने के लिए आरोपियों से बात करने के लिए कहा। सांसद ने आरोपों से इनकार किया और कहा कि इस घटना में उनकी कोई भूमिका नहीं है।
कौशांबी पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज, FIR में तीन लोगों के नाम
गाजियाबाद पुलिस ने कहा कि रेडिसन होटल के मालिक करण जैन द्वारा दी गई शिकायत के आधार पर उन्होंने कौशांबी पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 147 (दंगा), 504 (जानबूझकर अपमान) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत प्राथमिकी दर्ज की है। पुलिस ने कहा कि एफआईआर में गौरव अग्रवाल, जो सांसद के रिश्तेदार बताए जाते हैं, और गौरव के सहयोगी दीपक अहलावत के अलावा एक अन्य अज्ञात व्यक्ति का नाम है।
पांच लोगों ने होटल के कर्मचारी और मालिक के साथ की मारपीट- FIR
अपनी शिकायत में करण जैन ने कहा, “दोपहर 12.20 बजे के आसपास मेरे कर्मचारियों ने मुझे बताया कि कुछ लोग आए हैं और वे हमें दफ्तर खाली करने की धमकी दे रहे हैं। जब मैं अपने दफ्तर के बाहर आया तो मैंने देखा कि पांच लोग मेरे कर्मचारियों पर चिल्ला रहे थे और उन्होंने मेरे साथ भी दुर्व्यवहार किया। उन्होंने मुझे मेरे दफ्तर की सातवीं मंजिल से नीचे फेंकने की धमकी दी। मैंने उनमें से दो की पहचान की। पहला गौरव अग्रवाल जो राज्यसभा सांसद अनिल अग्रवाल के रिश्तेदार हैं और दूसरा गौरव के सहयोगी दीपक अहलावत है।”
करण जैन ने शिकायत में कहा- सांसद अनिल अग्रवाल ने फोन पर दी धमकी
करण जैन ने कहा कि पहले मेरे स्टाफ ने कौशांबी पुलिस को मामले की जानकारी दी। बाद में उन्होंने पुलिस को घटना की जानकारी दी और सीसीटीवी फुटेज भी सौंपी। जैन ने एफआईआर में आगे कहा, “जब मैं पुलिस को विवरण दे रहा था तो मुझे दोपहर 1.03 बजे के आसपास अनिल अग्रवाल का फोन आया। उन्होंने मुझसे इसमें शामिल लोगों से बात करने के लिए कहा, वर्ना वह इन लोगों को रोक नहीं पाएंगे और वे किसी भी हद तक जा सकते हैं।”
होटल मालिक ने नहीं दी कोई प्रतिक्रिया, पुलिस ने कहा- सांसद संदिग्ध नहीं
करण जैन ने टिप्पणी के लिए संपर्क करने के लिए कॉल का कोई जवाब नहीं दिया। गाजियाबाद पुलिस ने कहा कि उन्होंने मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस उपायुक्त (ट्रांस-हिंडन) शुभम पटेल ने कहा, हमने एफआईआर में नामित लोगों को पुलिस को बयान देने के लिए बुलाया है और आगे की जांच चल रही है। उन्होंने कहा, “सांसद इस मामले में संदिग्ध नहीं हैं और हमें अब तक घटना में उनकी भूमिका की ओर इशारा करने वाली कोई चीज नहीं मिली है। सीसीटीवी फुटेज से पता चलता है कि ऑफिस में कोई तोड़फोड़ नहीं हुई है। पैसों के लेन-देन को लेकर कुछ विवाद था।
BJP सांसद अनिल अग्रवाल का आरोपों से इनकार, कहा- जैन के कई फोन आए
आरोपों से इनकार करते हुए एमपी अनिल अग्रवाल ने कहा कि एफआईआर निराधार है क्योंकि घटना में उनकी कोई भूमिका नहीं है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) सांसद अनिल अग्रवाल ने कहा, “इसके बजाय, मुझे करण जैन के कुछ फोन आए, शायद उसी समय जब यह घटना घटी और मैं किसी बैठक में व्यस्त था। लगभग 30-40 मिनट बाद, मैंने उसे वापस फोन किया और उसने मुझे घटना के बारे में बताया। मैंने बस इतना कहा कि दोनों पक्षों को बैठकर सौहार्दपूर्ण ढंग से इस मुद्दे को सुलझाना चाहिए और इसमें मेरी कोई भूमिका नहीं है।”
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सांसद अनिल अग्रवाल ने कहा- पुलिस ने मुझसे पूछताछ किए बिना दर्ज की FIR
सांसद अग्रवाल ने कहा, “पुलिस को एफआईआर दर्ज करने से पहले पूछताछ करनी चाहिए थी, जिसमें मेरा नाम एक जन प्रतिनिधि होने का जिक्र है। लेकिन पुलिस ने मुझसे कुछ भी पूछताछ किए बिना एफआईआर दर्ज कर दी। ऐसा जानबूझ कर किसी राजनीतिक मकसद से किया गया है। मैं इस मुद्दे को राज्यसभा में उठाऊंगा और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को भी पत्र लिखूंगा। उन्होंने कहा कि राज्य के साथ-साथ नई दिल्ली में अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को भी सूचित करूंगा।”
