UP Crime News: उत्तर प्रदेश के पशुपालन मंत्री धर्मपाल सिंह के काफिले को कथित रूप से रोकने के आरोप में पुलिस ने रविवार को 90 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया। अपर पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) राजकुमार अग्रवाल ने बताया कि पिछले गुरुवार को एक पशु पॉलीक्लिनिक के भूमि पूजन में शामिल होने जा रहे प्रदेश के पशुपालन मंत्री धर्मपाल सिंह के काफिले के रास्ते में सिरौली इलाके में कुछ ग्रामीणों ने छुट्टा जानवरों को छोड़ दिया और वाहनों को रूकने पर मजबूर कर दिया।
करीब 40 मिनट तक फंसा रहा था मंत्री का काफिला, भूमि पूजन में हुई देरी
राजकुमार अग्रवाल ने बताया कि मामले में पशु चिकित्सा पदाधिकारी संजय कुमार शर्मा की शिकायत पर 90 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। मंत्री धर्मपाल सिंह आंवला तहसील के गुड़गांव में 9.14 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित होने वाले पशु पॉलीक्लिनिक के ‘भूमि पूजन’ के लिए जा रहे थे। तभी पिपरिया उपरला गांव के लोगों ने छुट्टा पशुओं की समस्या से परेशान होकर ऐसे जानवरों को सड़क पर जमा करके रास्ता बंद कर दिया। इस दौरान मंत्री का काफिला करीब 40 मिनट तक फंसा रहा था।
मंत्री के जल्द ही गऊशाला बनाए जाने के वादे के बाद ग्रामीणों ने जानवरों का हटाया
मंत्री ने ग्रामीणों को समझाया और आश्वासन दिया कि क्षेत्र में ग्राम सभा की जमीन चिन्हित कर जल्द ही गऊशाला बनाई जाएगी। इसके बाद शांत हुए ग्रामीणों ने छुट्टा जानवरों को वहां से हटाया और रास्ते से जाम हटने पर मंत्री का काफिला वहां से आगे बढ़ सका। पिछले साल उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के दौरान विपक्षी दलों ने आवारा मवेशियों की समस्या को प्रमुखता से उठाया था। वहीं सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी की योगी सरकार ने सत्ता में वापसी पर इससे बेहतर तरीके से निपटने के वादे किए थे।
बरेली में इंस्टाग्राम पोस्ट और कमेंट्स को लेकर भड़का था सांप्रदायिक तनाव
इससे पहले बरेली में कक्षा 9 के 14 वर्षीय दो छात्रों को इंस्टाग्राम पर कथित तौर पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाली टिप्पणियों के बाद पुलिस हिरासत में लिए जाने को लेकर बवाल मचा हुआ था। दो नबालिग स्टूडेंट दो अलग-अलग धर्मों के हैं। अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने कथित तौर पर धार्मिक भावनाओं को आहत किए जाने का सवाल उठाते हुए नाबालिग छात्र की फौरन गिरफ्तारी की मांग करते हुए एक पुलिस स्टेशन का घेराव कर लिया था। आक्रोशित भीड़ ने लड़के के घर के बाहर नाकेबंदी और पत्थरबाजी भी की थी।