गुजरात के एमएस विश्वविद्यालय के ललित कला संकाय (फाइन आर्ट) के एक छात्र पर वडोदरा में सयाजीगंज पुलिस ने कथित तौर पर देवी-देवताओं की “आपत्तिजनक” तस्वीरें बनाने के आरोप में मामला दर्ज किया है। इस कारण बीते 5 मई को परिसर में दंगा हुआ था। बिहार के मूल निवासी और वडोदरा विश्वविद्यालय में मूर्तिकला विभाग के छात्र कुंदन यादव पर मामला दर्ज किया गया।
इस संबंध में ललित कला संकाय के दूसरे वर्ष के छात्र जसवंत सिंह राउलजी ने सयाजीगंज पुलिस स्टेशन में सोमवार को शिकायत की थी, जिसमें उन पर “अखबार के कटआउट पर देवी के आकार में कलाकृति” बनाने का आरोप लगाया गया था। दरअसल, कलाकृति को तैयार करने में इस्तेमाल की गई यह कतरन महिलाओं के खिलाफ अपराध, विशेष रूप से बलात्कार के बारे में रिपोर्ट करने वाले विभिन्न समाचार पत्रों की थी। ऐसे में जब दक्षिणपंथी समूहों ने इसे “धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाला” करार देकर विरोध किया था, जिसके चलते विवाद पैदा हो गया था।
अपनी शिकायत में, जसवंत सिंह राउलजी ने कहा है कि उक्त कलाकृतियों के बारे में जानने पर उन्होंने कथित तौर पर संकाय के डीन डॉ. जयंत पोडुवल से शिकायत की थी। साथ ही इस “विवादास्पद कार्य” को आगामी मूल्यांकन और वार्षिक शो से हटाने का अनुरोध किया गया था। राउलजी के मुताबिक, इस संबंध में फैकल्टी और डीन ने “उनकी शिकायत पर कोई ध्यान नहीं दिया बल्कि इसे हंसी-मजाक में टाल दिया”।
इसके बाद जसवंत सिंह राउलजी ने कॉलेज के साथियों से इस मुद्दे को उठाने के लिए संपर्क किया, क्योंकि कलाकृतियां धर्म के लिए “अपमानजनक” थीं। वहीं, राउलजी ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के नेताओं का भी नाम लिया है, जिनसे उन्होंने इस मामले में मदद के लिए संपर्क किया था। इसके अलावा उन्होंने विश्वविद्यालय के कुलपति से संपर्क किया, जिसके बाद एक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी भी बनाई गई थी।
राउल के मुताबिक जब मामले में छात्र कुंदन से बात की तो उन्होंने कहा कि वह ऐसी कलाकृतियां बनाना और उन्हें सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित करना जारी रखेंगे। ऐसे में राउल का कहना है कि छात्र (कुंदन) ने जानबूझकर धार्मिक भावनाओं को आहत और धर्म का अनादर करने के इरादे से ऐसी कलाकृतियां बनाई हैं। हालांकि, अब छात्र कुंदन पर आईपीसी की धारा 295 (ए) व 298 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।
