Muzaffarnagar News: मेरी इज्जत का ख्याल रख मैंने दाढ़ी रखी है, तू इस काम को मत कर इंशाल्लाह तेरी शादी भी हो ही जाएगी… एक पिता ये बातें बोलकर पहले प्यार से बेटी को समझाया। इसके बाद भी जब बेटी ने प्रेमी से बात करना नहीं छोड़ा तो उसे रूह कंपा देने वाली सजा दी। मामला मुजफ्फरनगर में नई मंडी कोतवाली क्षेत्र के कूकड़ा का है। यहां एक पिता ने अपनी बेटी शहनुमा का गला रेत दिया औऱ पेट में ताबड़तोड़ धारधार हथियार (छुरी) से वार किया।

जिस बेटी पर वह जान छिड़कता था उसकी हत्या करते समय मानो वह हैवान बन गया हो। उसे अपनी बेटी की चीखें सुनाई नहीं दे रही थीं। उसे तो बस अपनी बेटी की आवाज से शायद नफरत हो रही थी। वह उन चीखों को किसी भी तरह से शांत करना चाहता था। उसे बेटी की जिंदगी या उसके तकलीफ की परवाह नहीं थी उसे सिर्फ अपनी झूठी आन की चिंता थी। उसने बेटी को मौत के घाट उतारा और वहां फरार हो गया। हालांकि पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है। फिलहाल मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है।

पिता के बार-बार मना करने के बाद भी नहीं मानी बेटी

असल में शख्स की बेटी को भी कहां पता था कि जो पिता उसपर अपनी जान लुटाता है वह एक दिन उसकी जान ही ले लेगा। उसे क्या पता था कि किसी पंसदीदा शख्स से बात करना उसके लिए मौत का सबब बन जाएगा। वह अपनी बेटी से नाराज था, क्योंकि उसके बार-बार मना करने के बाद भी उसने अपने प्रेमी से बात करना नहीं छोड़ा।

पिता की नजरों में बेटी का ऐसा करना समाज में बदनामी दिला रहा था। वह नहीं चाहता था कि पड़ोस के गांव में रहने वाले शख्स से बात करे। एक दिन वह अपने मोबाइल चार्ज में लगाकर नमाज पढ़ने गया था। वह जब भी नमाज पढ़ने जाता था तो अपना फोन घर छोड़कर जाता था। वह फोन को चार्ज पर लगा देता था। बेटी को फोन मिला जाता। वह इस मौके पर छिपकर अपने प्रेमी को फोन कर दिया करती थी। थोड़ी देर बात करती और फिर फोन को चार्ज पर लगा देती। उसे लगता कि पिता को पता नहीं चलेगा।

हालांकि आस-पास के लोगों ने यह बात उसके पिता को बता दी। उन्होंने पिता से कहा कि आपके जाने के बाद शहनुमा किसी से फोन पर बात करती है। यह सुनकर पिता को काफी गुस्सा आया। उसने आव देखा ना ताव और शहनुमा पर बरस पड़ा। संयोग से उस दिन घर में कोई नहीं था।

साजिश के तहत वरदात को दिया अंजाम

गुरुवार का दिन था। आरोपी पिता रोजाना की तरह सुबह सवा पांच बजे जमात के साथ नमाज पढ़ने गया था और वह लगभग साढ़े सात बजे लौटा। उस वक्त 10वीं में पढ़ने वाला उसका बेटा तोहसीन, छोटी बेटी अमरीन व आफरीन कुरान पढ़ने चले गए थे। उसका दूसरा बेटा अनस 15 दिनों से सुजडू के मदरसे में पढ़ने गया था। उसकी बेगम सुबह के समय छत पर कुछ काम कर रही थी। इस बीच उसकी बेटी घर के अंदर अकेली थी। उसने मौका पर उसे समझाया मगर इस बार वह अपनी बात पर अड़ गई। इस पर उसके पिता शाहिद को गुस्सा आ गया। उसने घर में रखी हुई छुरी उठाई और बेटी पर हमला बोल दिया। उसने बेटी के गले और पेट में कई वार किए। इसके बाद बेटी की मौत हो गई। पुलिस की पूछताछ में आरोपी पिता का कहना है कि उसे पता था कि गुरुवार को घर में कोई नहीं रहेगा। अगर सब होते तो ऐसा ना करने देते।

जान बचाने के लिए इधर-उधर भागती रही बेटी

पुलिस ने बताया कि पिता के हाथ में छुरी देखकर शहनुमा ने भागने की कोशिश की थी मगर बच न सकी। वह कमरे से भाग जाना चाहती थी मगर आरोपी पिता शाहिद ने उसे पकड़ लिया और हत्या कर दी। उसका शव दरवाजे पर खून से लथपथ पड़ा था। जानकारी के अनुसार, आरोपी शाहिद मूल रूप से जानसठ के गांव कम्हेड़ा का रहने वाला है। रोजी-रोटी के लिए वह 35 साल पहले मुजफ्फरनगर आ गया था। पुलिस की पूछताछ में उसने बताया कि उसके बाकी के बच्चे अच्छे हैं, बेटी के कारण बदनामी हो रही थी। मानो जैसे उसे अपने किए पर जरा भी पछतावा ना हो।