यूं तो उत्तर प्रदेश में मुख्तार अंसारी, बृजेश सिंह, अतीक अहमद और इनके जैसे कई बड़े-बड़े गैंगस्टर हुए। लेकिन आज हम बात एक महिला गैंगस्टर की कर रहे हैं जिसने इन कुख्यातों से अलग अपनी काली दुनिया बसाई थी। किस तरह यह लेडी डॉन अपना कारोबार चलाती थी? यह हम आपको आगे बताएंगे लेकिन उससे पहले बात इस महिला के जरायम के दुनिया में आने के पीछे की कहानी की…

यूपी के मुरादाबाद जिले में कभी सट्टा बाजार काफी गर्म था। कहा जाता है कि इस सट्टा बाजार पर बिट्टू नाम के एक शख्स का कब्जा था। बताया जाता है कि 2010-11 में अचानक कुछ बदमाशों ने बिट्टू की गोली मार कर हत्या कर दी। यह हत्याकांड गैंगवार का नतीजा था। बिट्टू की मौत के बाद उसकी बहन हसीना ने सट्टे के इस कारोबार को संभाला। बस यहीं से शुरू हुई हसीना के लेडी डॉन बनने की कहानी।

सट्टे में ज्यादा आमदनी न होने की वजह से हसीना ने नशीले पदार्थों की बिक्री शुरू की। वो युवाओं को चरस देकर उन्हें नशे का लत पकड़ाती और बदले में मोटी कमाई भी करती थी। धीरे-धीरे उसका यह धंधा चल निकला और मुरादाबाद में यह महिला नशे के काले कारोबार की सरगना बन गई। स्मैक और चरस की तस्करी करने वाली हसीना की छवि इलाके में लेडी डॉन की तरह बन गई।

भाई की मौत के बाद करीब 8 साल तक हसीना जुर्म की दुनिया में अपना नाम बड़ा करती ही चली गई। धीरे-धीरे यह लेडी डॉन पुलिस की नजरों पर भी चढ़ने लगी। साल 2019 में यूपी पुलिस ने हसीना को पकड़ लिया। उस वक्त पुलिस ने एसओजी और औषधि विभाग की टीम के साथ मिलकर थाना मझोला क्षेत्र के जयंतीपुर में लेडी डॉन के घर पर छापा मारा था। हसीना अपने घर में ही थीं जिसके बाद पुलिस ने उसके पास से नशीले इंजेक्शन, नशीली दवाइयां सहित भारी मात्रा में चरस बरामद किये थे।

हसीना के पकड़े जाने के बाद उसका काला-चिट्ठा भी खुलता चला गया था। खुलासा हुआ था कि हसीना नशीले पदार्थों की बिक्री करने वाले गैंग की सरगना है। इस लेडी डॉन पर पुलिस अब तक गंभीर आरोप में 25 मामले दर्ज कर चुकी थी। लेकिन हर बार यह लेडी डॉन जेल जाकर जमानत पर बाहर आने के बाद फिर से नशे का धंधा शुरू कर देती थी। पुलिस ने उस वक्त हसीना को हिस्ट्रीशीटर बताया था।