उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में फर्जी पासपोर्ट बनाने वाले एक रैकेट का खुलासा हुआ है। इस मामले में पुलिस ने दो होमगार्ड समेत दस लोगों को गिरफ्तार किया है। लोकल इंटेलिजेंस यूनिट (LIU) में तैनात दो कांस्टेबल के भी इस रैकेट में शामिल होने का संदेह है। उनको निलंबित कर दिया गया है। वे फिलहाल फरार हैं। पुलिस को आशंका है कि कुछ और लोग इसमें शामिल हो सकते हैं।

नौ लैपटॉप, 11 सेलफोन बरामद : दो होमगार्डों की पहचान कोपागंज में तैनात संजीव कुमार सिंह और मोहम्मदबाद पुलिस स्टेशन में तैनात उर्दू अनुवादक जमील अहमद के रूप में की गई है। अन्य आठ लोग या तो एजेंट हैं या साइबर कैफे के मालिक हैं। पुलिस ने उनके कब्जे से नौ लैपटॉप, 11 सेलफोन, पासपोर्ट फॉर्म, चार पासपोर्ट और 50,000 रुपये नकद बरामद करने का दावा किया है।

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एलआईयू इंस्पेक्टर पर कार्रवाई के लिए डीआईजी को भेजा पत्र : मऊ के पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य ने कांस्टेबल अनिल विश्वकर्मा और संध्या मिश्रा को निलंबित कर दिया है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मऊ शैलेन्द्र कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि एलआईयू इंस्पेक्टर रामधनी के खिलाफ कार्रवाई के लिए आजमगढ़ डीआईजी को एक पत्र भेजा गया है। इसके अलावा जांच-पड़ताल की जा रही है।

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फर्जी शैक्षिक प्रमाणपत्रों का किया जा रहा था इस्तेमाल : एसपी अनुराग आर्य ने कहा कि पुलिस को हाल ही में सूचना मिली कि 10 वीं कक्षा के फर्जी शैक्षिक प्रमाणपत्रों का इस्तेमाल पासपोर्ट बनाने के लिए किया जा रहा है। पूछताछ में पुलिस ने LIU में तैनात कुछ पुलिसकर्मियों और रैकेट में कोपागंज और मोहम्मदाबाद पुलिस स्टेशनों की मिलीभगत पाई। आर्य ने कहा, “हमें नकली मार्कशीट मिलीं, जिनका इस्तेमाल ईसीएनआर पासपोर्ट के लिए किया गया था।” आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 419, 420, 120 बी, 467 और 468 में मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने भ्रष्टाचार निरोधक कानून भी लागू किया है।