दिल्ली से धोखाधड़ी का एक अनोखा मामला सामने आया है। यहां रिक्रूटर कंपनी के एक कर्मचारी ने अपनी बेरोजगार पत्नी को गलत तरीके से पेरोल पर रखा और प्लानिंग के तहत उसे 10 सालों से अधिक समय तक नियमित रूप से सैलरी भेजता रहा। इससे कंपनी को करोड़ों का नुकसान हुआ। कंपनी के मैनेजमेंट को कुछ समय पहले शक हुआ कि रिकॉर्ड में कुछ हेर-फेर हुई है। इसके बाद उन्होंने इंटरनल इंक्वायरी की। जिसके बाद धोखाधड़ी की बात सामने आ गई। इसके बाद कंपनी मैनेजमेंट ने दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। ठगी का यह मामला मैनपावरग्रुप सर्विस प्राइवेट लिमिटेड से जुड़ा है। यह कंपनी स्टाफिंग और भर्ती सेवाएं प्रदान करती है।
मैनपावर ग्रुप की शिकायत के अनुसार, उसके कर्मचारी राधाबल्लव नाथ ने 2008 में असिस्टेंट मैनेजर (वित्त) के रूप में कंपनी ज्वाइन किया था। बाद में कंपन ने उन्हें प्रमोशन देकर मैनेजर बना दिया। ग्रुप का आरोप है कि राधाबल्लव नाथ ने कंपनी की लागत पर अपनी बेरोजगार पत्नी को हर महीने सैलरी देने के लिए गैर कानूनी तरीके से एक यौजना बनाई और इसके जरिए धोखाधड़ी की।
असल में कंपनी डेटा प्राइवेसी को प्राथमिकता देती है। इसलिए सिर्फ तीन लोगों को ही मंथली पेरोल और रिम्बर्समेंट डेटा की अुनमति दी गई है। इसमें कंपनी के डायरेक्टर, मुख्य मानव संसाधन अधिकारी (सीएचआरओ) और नाथ शामिल हैं। नाथ का आउट साइड वेंडर्स और कंपनी के अन्य विभागों (मानव संसाधन और वित्त) के बीच इंटरफ़ेस था। वह मासिक वेतन रजिस्टर तैयार करने के लिए कंपनी ज्वाइन करने वाले, छोड़ने वाले और काम करने वाले कर्मचारियों की अटेंडेंस और अन्य जेटा पेरोल वेंडर को भेजता था।
कंपनी के वेतन की जिम्मेदारी नाथ के ऊपर ही थी
मासिक वेतन रजिस्टर तैयार करने के बाद वेंडर उसे नाथ को भेजता था। नाथ इस रजिस्टर को आगे एचआर को भेजता था। एचआर इसे फाइनल अप्रूवल के लिए सीएचआरओ को भेजता था। सीएचआरओ इसे मंजूरी देता था और फिर एचआर को भेज देता था। आखिर में यह रजिस्टर नाथ के पास आ जाता था। वेतन जारी करने के लिए नाथ ही इस रजिस्टर को बैंक को भेजता था। कंपनी ने आरोप लगाया है कि रजिस्टर को बैंक से भजने से पहले नाथ ने इसमें हेरफेर किया और अपनी पत्नी का नाम डाला।
एक्सेल शीट में पत्नी का नाम कर लेता था शामिल
कंपनी द्वारा दायर कराई गई एफआईआर में कहा गया है कि जब वेतन की एक्सेल फ़ाइल राधाबल्लव नाथ के पास आती थी तो वे उसमें एक एक्स्ट्रा कॉलम बनाकर पत्नी सस्मिता नाथ का नाम शामिल करते थे। कंपनी ने कहा है कि एक्सेल शीट में पेरोल डेटा शामिल है, जिसमें सस्मिता नाथ का शामिल है।
कंपनी ने अपनी एफआईआर में कहा है “नाम डालने के साथ-साथ वह अपनी पत्नी के नाम पर वेतन राशि भी जोड़ देता था। वह अपने वेतन की राशि के साथ भी छेड़छाड़ करता था। इसके बाद वह हेरफेर की गई पेरोल फ़ाइल को बैंक पोर्टल पर अपलोड कर देता था। नाथ ही मैनपावरग्रुप के सभी कर्मचारियों का वेतन जारी करता था। कंपनी की जांच में पता चला कि नाथ एक अन्य मैनेजर के कंप्यूटर का इस्तेमाल करके बैंक के पोर्टल पर हेरा-फेरी की हुई पेरोल फ़ाइल को अपलोड करता था। फाइल अपलोड करने के बाद वह उसे सिस्टम से डिलीट कर देता था।”
नाथ ने सभी आरोपों को किया स्वीकार
एफआईआर में यह भी कहा गया है कि नाथ को 11 दिसंबर, 2022 को निलंबित कर दिया गया था और इंटरनल जांच टीम ने एक मीटिंग कर नाथ से इस हेर-फेर के बारे में पूछताछ की थी। कंपनी के अनुसार, इन पेपर के सामने आने पर नाथ ने स्वीकार किया कि उसने 2012 के बाद से अपनी पत्नी के बैंक खाते में अवैध रूप से 3.6 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए हैं। नाथ ने यह भी स्वीकार किया कि उसने अपना वेतन बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया और पिछले कई सालों से अपने खाते में 60 लाख रुपये ट्रांसफर किए जिससे कंपनी को कुल 4.2 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
हेरफेर के पैसों से कई शहरों में खरीदा घर
कंपनी का कहना है कि नाथ ने यह भी कबूल किया कि उसने म्यूचुअल फंड और अन्य वित्तीय योजनाओं में निवेश किया। इसके अवाला उसने दिल्ली, जयपुर और ओडिशा (गृहनगर) में संपत्ति खरीदने के लिए इन पैसे का इस्तेमाल किया। एफआईआर में कहा गया है कि मैनपावरग्रुप ने अपने रिकॉर्ड की जांच की तो पता चला कि कंपनी ने कभी भी नाथ की पत्नी को किसी भी पद पर नियुक्त नहीं किया है। इंटरनल जांच में नाथ ने इन सभी आरोपों को स्वीकार किया था। फिलहाल आगे की कार्रवाई का जा रही है।