संसद के निचले सदन लोकसभा में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने सोमवार को लोकसभा में एक लिखित उत्तर में साझा किए गए आंकड़ों में बताया कि पिछले 10 सालों में प्रवर्तन निदेशालय ने सबसे अधिक मनी लॉन्ड्रिंग (PMLA) और विदेशी मुद्रा उल्लंघन (FEMA) के मामले दर्ज किए हैं। बता दें कि, लोकसभा सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने पिछले 10 सालों में प्रवर्तन निदेशालय के अधीन दर्ज मामलों का ब्यौरा मांगा था।

बीते साल ईडी ने दर्ज किये सबसे ज्यादा केस

जवाब में बताया गया है कि, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 2021-22 वित्तीय वर्ष में सबसे अधिक मनी लॉन्ड्रिंग के 1,180 और विदेशी मुद्रा उल्लंघन 5,313 मामले दर्ज किए हैं। अगर बात पिछले एक दशक की करें तो 2012-13 से 2021-22 के वित्तीय वर्षों के बीच, एजेंसी ने मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत कुल 3,985 और विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) के नागरिक कानून के तहत 24,893 आपराधिक शिकायतें दर्ज की है।

PMLA मामलों में इतने करोड़ की संपत्ति हुई कुर्क

वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में बताया कि 31 मार्च, 2022 तक, ईडी ने कानून बनने के बाद से पीएमएलए (PMLA) के तहत कुल 5,422 मामले दर्ज किए थे, जिनमें से 65.66 प्रतिशत मामले पिछले आठ वर्षों में दर्ज किए गए थे।

यह मामले दर्ज होने के बाद पीएमएलए के प्रावधानों के तहत करीब 1,04,702 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क की गई है। वित्त राज्यमंत्री ने बताया कि पीएमएलए के 992 मामलों में 869.31 करोड़ रुपये की जब्ती हुई और मनी लांड्रिंग (पीएमएलए) के तहत 23 आरोपियों को दोषी ठहराया गया है।

FEMA के तहत दर्ज हुए मामले

वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने फेमा के तहत दर्ज मामलों में बताया कि 31 मार्च, 2022 तक कुल 30,716 मामले दर्ज किए गए, जिनमें से 72 प्रतिशत पिछले आठ वर्षों में दर्ज किए गए। उन्होंने कहा कि मामला दर्ज किये जाने के बाद इसके तहत 8,109 कारण बताओ नोटिस (SCN) जारी किये गए हैं।

इसके अलावा फेमा के 6,472 मामलों में फैसला किया गया, जिसमें लगभग 8,130 करोड़ रूपये का जुर्माना भी लगाया गया है। चौधरी ने कहा कि फेमा के तहत लगभग 7,080 करोड़ रूपये की संपत्तियां जब्त की गई हैं।