West Bengal SSC recruitment scam: कोलकाता के पटुली में ‘मैजिक टच’ नाम के नेल सैलून में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की तलाशी जारी है। आपको बता दें कि यह सैलून अर्पिता मुखर्जी (Arpita Mukherjee) के स्वामित्व वाला है। अर्पिता को पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी के साथ गिरफ्तार किया गया था।

सैलून के साथ दो फ्लैटों पर भी मारा गया छापा

एजेंसी के सूत्रों ने कहा कि ईडी के अधिकारियों ने नेल सैलून के अलावा दक्षिण कोलकाता में दो फ्लैटों पर छापा मारा, जिनमें से एक पंडितिया रोड पर और दूसरा मदुरदाहा में स्थित है। ईडी की इस कार्रवाई से कुछ घंटे पहले ही पार्थ चटर्जी की सहयोगी अर्पिता मुखर्जी (Arpita Mukherjee) ने मंगलवार को मीडिया से बातचीत कहा कि- “पैसा मेरा नहीं है, यह मेरी गैर-मौजूदगी में वहां रखा गया था।”

पार्थ चटर्जी पर महिला ने फेंका जूता

इसके अलावा, इस कार्रवाई से कुछ घंटों पहले पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी (Partha Chatterjee) पर एक महिला ने जूता फेंका था, जब चटर्जी को ईसीआई अस्पताल (ECI Hospital) से ईडी दफ्तर ले जाया जा रहा था। वहां मौजूद मीडिया से बात करते हुए आक्रोशित महिला ने कहा, ”मैं उस पर अपना जूता फेंकने आई थी। उसने गरीब लोगों से पैसे लिए हैं, अगर जूता उसके सिर पर लग जाता तो मुझे खुशी होती।’

पार्थ बोले- पकड़ा गया कैश उनका नहीं

एजेंसी का मानना है कि बरामद की गई रकम पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले से जुड़ी है। हालांकि, मेडिकल के लिए अस्पताल ले जाने पर पार्थ चटर्जी ने मीडिया से बात करते हुए से कहा था कि बरामद किया गया धन उनका नहीं है और केवल समय ही बताएगा कि किसने उनके खिलाफ “साजिश” की है। उन्होंने आगे कहा कि वह “इस तरह के सौदों में कभी शामिल नहीं हुए”।

ईडी ने जब्त किया था 50 करोड़ से ज्यादा का कैश

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 22 जुलाई को अर्पिता मुखर्जी के घर पर छापा मारा था और 21.90 करोड़ रुपये नकद बरामद किए थे। जांच एजेंसी ने 56 लाख रुपये की विदेशी मुद्रा और 76 लाख रुपये का सोना भी बरामद किया है। इस रेड के कुछ दिनों बाद ही ईडी ने फिर अर्पिता मुखर्जी के दूसरे अपार्टमेंट से 28.90 करोड़ रुपये नकद, 5 किलो से अधिक सोना और कई दस्तावेज बरामद किए थे।

3 अगस्त ईडी की हिरासत में हैं पार्थ-अर्पिता

ज्ञात हो कि, ईडी द्वारा गिरफ्तारी के बाद तृणमूल कांग्रेस ने पार्थ चटर्जी को निलंबित कर दिया था और उन्हें मंत्री पद से भी बर्खास्त कर दिया गया था। पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी (Partha Chatterjee) और अर्पिता मुखर्जी को तीन अगस्त तक ईडी की हिरासत में भेजा गया है।