महाराष्ट्र के कई बड़े नेताओं पर ईडी लगातार शिकंजा कसती दिख रही है। इसमें ज्यादातर राज्य सरकार में शामिल पार्टियों के नेताओं के खिलाफ कार्रवाई के कारण ईडी अब निशाने पर भी आने लगी है।

पहले अनिल देशमुख, एकनाथ खडसे, अनिल परब और अब भावना गवली के खिलाफ ईडी ने कार्रवाई की है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शिवसेना सांसद भावना गवली से जुड़े एक ट्रस्ट के खिलाफ जांच के सिलसिले में महाराष्ट्र के वाशिम जिले में कई जगहों पर छापेमारी की।

सूत्रों के मुताबिक ईडी के अधिकारियों ने सोमवार को करीब सात जगहों पर छापेमारी की। वाशिम जिले के रिसोड क्षेत्र में स्थित इन सात स्थानों में ट्रस्ट के कार्यालय, रिसोड अर्बन कोऑपरेटिव क्रेडिट सोसाइटी लिमिटेड का कार्यालय, एक मेडिकल कॉलेज कार्यालय और एक स्कूल कार्यालय शामिल है।

जानकारी के अनुसार यवतमाल-वाशिम सांसद भावना गवली से जुड़े ट्रस्ट में करीब 17 करोड़ रुपये की अनियमितता पाई गई है। हरीश सारदा के रूप में पहचाने जाने वाले एक सामाजिक कार्यकर्ता ने हाल ही में आरोप लगाया था कि भावना गवली ने बालाजी सहकारी पार्टिकल बोर्ड नाम की एक फर्म के माध्यम से 43.35 करोड़ रुपये का ऋण लेकर राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) को ठगा है। हरीश सारदा ने दावा किया कि भावना गवली ने एनसीडीसी से दस साल के लिए पैसा उधार लिया था लेकिन कंपनी वास्तव में कभी शुरू नहीं हुई थी।

कथित तौर पर भावना गवली की फर्म भावना एग्रो प्रोडक्ट्स एंड सर्विसेज लिमिटेड के संबंध में इसी तरह की अनियमितताएं पाई गईं। इस कंपनी के लिए, उसने कथित तौर पर दो बैंकों से 7.5 करोड़ रुपये उधार लिए थे। बाद में कंपनी को उनके निजी सचिव को 7.09 करोड़ रुपये में बेच दिया गया।

सोमवार को ईडी के अधिकारियों ने छापेमारी कर वाशिम में भावना गवाली से जुड़े कुछ लोगों से पूछताछ की। मामले में आगे की पूछताछ के लिए सांसद को मुंबई में ईडी कार्यालय में बुलाया जा सकता है।

भावना से पहले महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ भी ईडी छापेमारी कर चुकी है। देशमुख के मुंबई और नागपुर स्थित घर पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने छापेमारी की थी। मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह की ने देशमुख पर आरोप लगाए थे, जिसके बाद मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया गया था। एक मामले में देशमुख और उनके परिवार क 4.20 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति कुर्क की गई है।

बीजेपी से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में गए महाराष्ट्र के वरिष्ठ नेता एकनाथ खडसे भी ईडी की रडार पर आ चुके हैं। ईडी ने इस साल की शुरुआत में खडसे से भूमि सौदे मामले में पूछताछ की थी और उनका बयान दर्ज किया था। खडसे ने इसी भूमि सौदे और कुछ अन्य मुद्दों के संबंध में आरोपों का सामना करने के बाद 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अगुवाई वाले महाराष्ट्र मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। उस समय वह राजस्व मंत्री थे। आरोप है कि उन्होंने पुणे के भोसारी इलाके में अपने परिवार को महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम (एमआईडीसी) की सरकारी जमीन खरीदने में मदद के लिए अपने पद का दुरुपयोग किया।

इससे पहले ईडी ने शिवसेना नेता और महाराष्ट्र के मंत्री अनिल परब को पेश होने को कहा था। इस मामले पर शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि परब को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने निशाना बनाया है। उन्होंने कहा, “वह नोटिस का जवाब देंगे और ईडी के साथ सहयोग करेंगे। अधिकारियों ने रविवार को बताया कि ईडी ने परब को, महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख और अन्य के खिलाफ दर्ज धन शोधन के मामले में मंगलवार को पूछताछ के लिए तलब किया है।