अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम या उसके सहयोगियों की कई कहानियां अक्सर सामने आती रहती हैं। आज हम डॉन के उस खास गुर्गे की बात कर रहे हैं जो कभी उसका क्राइम सिंडिकेट संभालता था। फारूक टकला ही वो शख्स है जिसने दाऊद इब्राहिम को काफी मदद की और इसका इतना भरोसामंद बना कि उसका मैनेजर तक बन गया।

12 मार्च 1993 को मुंबई में कई बम धमाके हुए थे। इस धमाके में 257 लोगों की मौत हुई थी और 700 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। जांच-पड़ताल के दौरान इस धमाके के मास्टर माइंड के तौर पर दाऊद इब्राहिम का नाम सामने आय़ा था। इसके साथ ही एक और नाम सामने आया था फारूख टकला का।

कहा जाता है कि फारूक टकला ही वो शख्स था जिसने मुंबई ब्लास्ट के आरोपियों को छिपने में मदद की थी। यासीन मंसूर मोहम्मद फारूख उर्फ फारूक टकला ने इस बम ब्लास्ट में अहम भूमिका निभाई थी। मुंबई धमाकों के तुरंत बाद टकला तो देश छोड़कर फरार हो गया लेकिन उसका भाई पकड़ा गया था। हालांकि कोर्ट में अभियोजन पक्ष आरोप साबित नहीं कर पाया और वह बरी हो गया था।

टकला ने दुबई पहुंचने के बाद धमाके के कई आरोपियों को वहां छुपाने में मदद की थी। सीबीआई के अनुसार वह वहां दाऊद का क्राइम सिंडिकेट चला रहा था और डॉन का बहुत करीबी माना जाता है। उसकी हैसियत डॉन के चुनिंदा मैनेजरों में होती थी। मुंबई में 17 फरवरी, 1961 को जन्मे टकला का असली नाम यासीन मंसूर मोहम्मद फारूक है। जांच एजेंसी के अनुसार फारूक टकला और उसके भाई मोहम्मद अहमद मंसूर उर्फ लंगड़ा ने धमाके के आरोपियों के लिए वाहनों का इंतजाम किया

टकला मुंबई के जेजे अस्पताल शूटआउट केस में भी आरोपी है। दाऊद के बहनोई इब्रहिम इस्माइल पारकर की मौत का बदला लेने के लिए उसके गुंडों ने जेजे अस्पताल में भर्ती गवली गैंग के शैलेश हलदानकर की 12 सितंबर, 1992 को एके 47 से गोलियां बरसाकर हत्या कर दी थी। इसमें दो पुलिस वाले भी मारे गए थे।

फारूक टकला के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी किया गया था। फारूख टकला को विदेश से प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया था।