सूबे के इतिहास में कई ऐसे गैंगस्टर रहे जिन्होंने खून के ढेर सारे दाग दिए। इन्हीं अपराधियों में एक नाम शुमार रहा, जिसे कुख्यात गैंगस्टर बदन सिंह बद्दो के नाम से जाना गया। रहन – सहन और शक्ल -ओ- सूरत से यह अपराधी किसी हॉलीवुड एक्टर सा लगता है। फिल्मी अंदाज में पुलिस की कस्टडी से फरार हुए दो साल से ज्यादा का समय हो चुका है, लेकिन ढाई लाख का इनामी यह अपराधी पता नहीं दुनिया के किस कोने में छिपा हुआ है।
कुख्यात गैंगस्टर की पृष्ठभूमि: मेरठ के बेरापुर का निवासी बदन सिंह बद्दो मूल रूप से पंजाब का है, लेकिन साल 1970 में बद्दो के पिता चरण सिंह जालंधर से मेरठ आ गए। इसके बाद बाद वह यहीं ट्रक चलाने लगे। समय गुजरा तो वह खुद ट्रांसपोर्ट के बिजनेस में आ गए। बदन सिंह बद्दो अपने सात भाइयों में सबसे छोटा था और जब बड़ा हुआ तो ट्रक चलाने लगा।
ट्रक ड्राइवर बना अपराधी: ट्रक चलाने के दौरान ही उसका संपर्क कई बदमाशों से हो गया। इसके बाद वह शराब के कारोबार में उतरा और पश्चिमी यूपी के बॉर्डर के इलाकों में शराब की तस्करी शुरू कर दी। बदन सिंह बद्दो की हिस्ट्रीशीट के मुताबिक, उस पर पहला आपराधिक मामला साल 1988 में दर्ज हुआ, जब उसने एक जमीन विवाद में मेरठ के कोतवाली बाजार में राजकुमार नाम के व्यक्ति की हत्या कर दी। इसी साल उसे एक राइफल और 15 जिंदा कारतूस के साथ गिरफ्तार किया गया था। साथ ही 1994 में उसने कथित तौर पर एक प्रकाश नाम के युवक की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
एक थप्पड़ और वकील की हत्या: साल 1996 में बदन सिंह बद्दो ने वकील राजेंद्र पाल की हत्या कर दी। कारण था कि घटना के एक दिन पहले ही बदन सिंह बद्दो ने राजेंद्र के पारिवारिक मित्र की पत्नी के बारे में अनुचित टिप्पणी कर दी थी, जिसके बाद नाराज राजेंद्र ने उसे थप्पड़ मार दिया था। इस हत्या के मामले में साल 2017 में उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी।
कितने मामले हैं दर्ज: बदन सिंह बद्दो पर साल 2011 में मेरठ जिला पंचायत सदस्य संजय गुर्जर और 2012 में एक केबल नेटवर्क के मालिक की हत्या का भी मामला दर्ज है। बद्दो के खिलाफ यूपी समेत कई राज्यों में हत्या, वसूली, लूट, डकैती के 40 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। साथ ही बदन सिंह बद्दो पर इस वक्त ढाई लाख का इनाम घोषित है।
बद्दो के शौक सेलिब्रिटी जैसे: बदन सिंह बद्दो का रहन – सहन देखकर कोई नहीं मानेगा कि यह एक मोस्टवांटेड अपराधी है। महल जैसा घर, महंगी बुलेटप्रूफ गाड़ियों का जत्था, विदेशी नस्ल के कुत्ते और हथियार, ब्रांडेड कपड़े और जूते का शौकीन बद्दो का खास अंदाज दूसरे अपराधियों से अलग रखता है।
फ़िल्मी अंदाज में हुआ फरार: 28 मार्च 2019 का दिन था और फतेहगढ़ जेल में बंद बद्दो को एक पुराने मामले में पेशी के लिए पुलिस गाजियाबाद कोर्ट ले गई थी। पेशी हुई और फिर से जेल वापस आने लगा। शातिर बद्दो ने प्लान बना लिया था और उसने पुलिस वालों को मेरठ से चलने के लिए राजी कर लिया। यहां के एक होटल में पहुंचने के बाद पुलिसवालों को जमकर शराब पिलाई गई। इसी बीच मौका पाकर बदन सिंह बद्दो फरार हो गया। बद्दो के साथ जितने भी पुलिसवाले थे, उन सब पर एक्शन हुआ।
दिलचस्प ये कि जिस दिन ये घटना घटी उस दिन मेरठ में हाई अलर्ट था, क्योंकि 28 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी; घटनास्थल से लगभग 18 कि.मी. दूर टोल प्लाजा के पास एक चुनावी रैली को संबोधित कर रहे थे। अब बदन सिंह बद्दो, दो सालों से ज्यादा समय से फरार है। पुलिस व एजेंसियां मानती हैं कि वह अपने बेटे के साथ विदेश में है, लेकिन अभी तक कोई भी सुराग हाथ नहीं लग पाया है।