मुंबई में 4 साल की बेटे की गवाही ने पिता को जेल पहुंचा दिया है। बच्चे ने पिता को मां की हत्या करते हुए देखा था। उसने ट्रायल कोर्ट में बयान दिया कि मेरे पिता ने मां को चाकू से मार डाला। इसके बाद अदालत ने सोमवार को दादर के रहने वाले 48 साल के आरोपी डेंटिस्ट को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। दरअसल, डेंटिस्ट को 2016 में 36 साल की अकाउंटेंट पत्नी की चाकू मारकर हत्या करने का दोषी ठहराया गया था। पीड़िता तनुजा बोबले को 37 जहगें चोटें आई थीं। आरोपी उमेश बोबले ने 11 दिसंबर 2016 को पत्नी की हत्या करने के बाद पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया था। पत्नी को जान से मारने के बाद उसने खुद की पुलिस को फोन किया था।
अभियोजन और बचाव पक्ष द्वारा पूछे गए 54 सवालों का जवाब देते हुए बच्चे ने कहा था कि जब उसने अपने पिता को मां पर चाकू से हमला करते देखा तो वह चिल्लाया नहीं। उसने कहा था कि उसकी धड़कन बढ़ गई थी। बच्चे को 2020 में मुख्य गवाह के रूप में अदालत के सामने पेश किया गया था। उस समय वह दूसरी क्लास का छात्र था। इस मामले में बच्चे के मामा ने बताया कि देर तक काम करने के कारण आरोपी मेरी बहन के चरित्र पर शक करता था। उसने आगे कहा कि आरोपी उमेश ने डीएनए परीक्षण भी कराया था और दावा किया था कि वह बच्चे का पिता नहीं है। हालांकि डीएनए रिपोर्ट ने आरोपी को गलत साबित कर दिया था।
इस मामले में विशेष लोक अभियोजक आर वी किनी ने 10 गवाहों से पूछताछ की थी। गवाहों में बच्चा, पीड़िता का भाई, आरोपी की मामी और बिल्डिंग का चौकीदार भी शामिल था। अदालत ने आरोपी के दावों को खारिज कर दिया कि वह मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति से पीड़ित था और उसे पता नहीं था कि वह उस समय क्या कर रहा था।
साइकोलॉजिस्ट ने आरोपी के बचाव में कहा था वह इमोशनल स्ट्रेस से पीड़ित था
इस मामले में आरोपी का साइकोलॉजिस्ट गवाह बनकर अदालत में पेश हुआ। उसने आरोपी का बचाव करते हुए यह दावा किया कि घटना के समय वह इमोशनल स्ट्रेस और एंजायटी से पीड़ित था। वह अवसाद से ग्रसित था। उसका वह इलाज करा था। इसे इमोशनल हाईजैक कहा जा सकता है। इस कारण उसने वारदात को अंजाम दिया।
रिपोर्ट के अनुसार, 2009 में आरोपी से शादी करने वाली तनुजा ने उसके खिलाफ घरेलू हिंसा की शिकायत दर्ज कराई थी और अलग हो गई थी। इसके बाद वे अपनी मौसी के साथ रहने लगी थी। आरोपी पहले से शादीशुदा और तलाकशुदा था। फैसला सुनाते न्यायाधीश पी पी बैंकर ने कहा, “आरोपी उमेश बोबले को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) के तहत दंडनीय अपराध के लिए दोषी ठहराया जाता है और उसे आजीवन कारावास और 20,000 रुपये का जुर्माना भरने की सजा सुनाई जाती है।”
मुकदमे के दौरान किनी द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए बच्चे ने कहा कि जब उसकी मां की हत्या हुई थी तब वह वहां मौजूद था। बच्चे ने कहा, “रात में मेरे पिता ने मेरी मां को पीटना शुरू कर दिया और उस समय उन्होंने मुझे आजी (दादी) के कमरे में बंद कर दिया।” रिपोर्ट के अनुसार, 11 दिसंबर 2016 को गिरफ्तारी के बाद से ही आरोपी जेल में है। उसे जमानत देने से इनकार कर दिया गया था। बच्चा मां के परिवार के साथ रह रहा है।
