Written by Akram M

Dharmasthala Rape-Murder Case: कर्नाटक में साल 2012 में चर्चिच धर्मस्थल स्कूली छात्रा बलात्कार-हत्या मामले की फिर से जांच की मांग के बीच कर्नाटक सरकार मामले को आगे बढ़ाने के बारे में अपने कानूनी विकल्पों पर विचार कर रही है। मामले के मुख्य आरोपी संतोष राव को इस साल की शुरुआत में विशेष सीबीआई अदालत ने बरी कर दिया था। इसके बाद पीड़ित के परिवार और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस वारदात की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में न्यायिक जांच के लिए दबाव डालना तेज कर दिया है।

‘डे नोवो ट्रायल’ की संभावना पर भी विचार, कानून सचिव की महाधिवक्ता के साथ चर्चा

पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया कि अपराध को अंजाम देने वाले खुलेआम घूम रहे हैं। उन्होंने उन लोगों के नाम भी बताए जिनके बारे में उन्हें संदेह था कि वे इस जघन्य अपराध के पीछे थे। सूत्रों के मुताबिक, इस मामले में ‘डे नोवो ट्रायल’ यानी एक नए ट्रायल की संभावना पर भी विचार किया जा रहा है। घटनाक्रम से जुड़े एक सूत्र ने कहा, “सरकार के पास जो विकल्प हैं उस पर कानून सचिव और महाधिवक्ता के साथ चर्चा चल रही है। ये सभी शुरुआती चरण में हैं और अभी तक मंत्री स्तर तक नहीं पहुंचे हैं।”

कानूनन दोबारा पूरी जांच करवाने की इजाजत नहीं, CBI चाहे तो जा सकती है अदालत

सूत्र ने कहा, “(मामले के बारे में) चर्चा चल रही है। जब तक कोई अदालत नए सिरे से जांच का निर्देश नहीं देती तब तक कानून में पूर्णता से दोबारा जांच की अनुमति नहीं है। पहले भी ऐसे परीक्षण हुए हैं।” चूंकि धर्मस्थल रेप और मर्डर मामले में आरोपी का बरी होना केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की जांच पर आधारित है, इसलिए एजेंसी को मामले की आगे की जांच के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाना होगा। सूत्र ने कहा, “इसके अलावा, अगर दोबारा सुनवाई का आदेश दिया जाता है तो बरी किया गया शख्स आदेश को चुनौती देने के लिए स्वतंत्र है।” सूत्र ने कहा, “मामले में तब कुछ भी करना बहुत मुश्किल था।”

सुप्रीम कोर्ट ने 2021 में एक फैसले में दोबारा जांच के आदेश को बताया था असाधारण

इससे पहले साल 2021 में सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले में कहा गया था कि हालांकि सीआरपीसी की धारा 386 (ए) हाई कोर्ट को निचली अदालत के आदेश को पलटने का अधिकार देती है और “निर्देश देती है कि आगे की जांच की जाए या आरोपी पर दोबारा मुकदमा चलाया जाए या मुकदमा चलाया जाए। दोबारा सुनवाई का आदेश देने की शक्ति असाधारण प्रकृति की है…” शीर्ष अदालत ने यह टिप्पणी उस मामले की सुनवाई के दौरान की जिसमें 2012 में पंजाब में कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार के बाद एक महिला ने आत्महत्या कर ली थी।

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कर्नाटक के गृह मंत्री परमेश्वर ने भी कहा था- मामले को फिर से खोलने का कोई प्रस्ताव नहीं

पिछले दिनों कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने भी कहा था कि धर्मस्थल रेप- मर्डर केस एक बंद अध्याय है और मामले को फिर से खोलने का कोई प्रस्ताव नहीं है। जब से विशेष सीबीआई अदालत ने आरोपी संतोष राव को बरी किया है, तब से दक्षिण कन्नड़ और राज्य के अन्य जिलों में बड़े पैमाने पर सार्वजनिक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इसमें संगीन वारदात के लिए जिम्मेदार लोगों को सजा देने और पीड़ित के लिए इंसाफ उपलब्ध कराने की मांग की जा रही है।