Kalkaji Mass Suicide: आर्थिक तंगी कई बार इंसान को इस हद तक तोड़ देती है कि उसके लिए और संघर्ष करना कठिन हो जाता है और वो मौत को आसान विकल्प समझकर उसे गले लगा लेते हैं। ऐसी ही कुछ मनोस्थिति रही होती राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के कालकाजी इलाके में रहने वाली कपूर फैमिली की, जिन्होंने बीते दिनों एक साथ फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

केस हारने के बाद परिवार था परेशान

रिपोर्ट्स के मुताबिक पुलिस ने बताया कि शनिवार को साउथ-ईस्ट दिल्ली के कालकाजी में एक महिला और उसके दो बेटे अपने घर पर मरे हुए मिले। DCP (साउथ-ईस्ट) हेमंत तिवारी ने बताया कि यह घटना 12 दिसंबर, 2025 को दोपहर करीब 2:47 बजे सामने आई, जब पुलिस प्रॉपर्टी के पजेशन से जुड़े कोर्ट ऑर्डर को तामील करने के लिए कालकाजी वाले घर पहुंची।

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पुलिस के मुताबिक जब दरवाजा बार-बार खटखटाने पर कोई जवाब नहीं मिला, तो पुलिस ने घर में घुसने के लिए डुप्लीकेट चाबी का इस्तेमाल किया। अंदर, अधिकारियों को अनुराधा कपूर (52) और उनके बेटे, आशीष कपूर (32) और चैतन्य कपूर (27) पंखे से लटके हुए मिले।

कमरे से मिले एक हाथ से लिखे नोट से पता चला कि परिवार डिप्रेशन से जूझ रहा था। DCP ने कहा, “हाथ से लिखे नोट से पता चलता है कि परिवार को इमोशनल परेशानी हो रही थी, जिसके कारण उन्होंने यह कदम उठाया होगा।” दरअसल, इस परिवार का पड़ोसियों से प्रॉपर्टी को लेकर विवाद था। मामला कोर्ट में चल रहा था। बीते दिनों कोर्ट ने पड़ोसियों के पक्ष में फैसला सुनाया, जिससे यह परिवार मानसिक और भावनात्मक रूप से टूट गया।

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रिपोर्ट्स के मुताबिक परिवार लंबे समय से आर्थिक परेशानियों का भी सामना कर रहा था। ऐसे में सिर से छत हटने की चिंता ने इन्हें इस कदर विचलित कर दिया कि पूरे परिवार ने एक साथ फांसी लगाकर जान दे दी। बॉडीज को पोस्टमॉर्टम और BNSS की धारा 194 के तहत आगे की कानूनी फॉर्मैलिटीज़ के लिए AIIMS मॉर्चरी में शिफ्ट कर दिया गया। पुलिस अब घटना के कारणों की जांच कर रही है, जिसमें परिवार की आर्थिक और सामाजिक पृष्ठभूमि भी शामिल है।