Delhi Woman News: राष्ट्रीय राजधानी से चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक 35 साल की महिला ने पिछले हफ्ते सफदरजंग अस्पताल से कथित तौर पर तीन महीने के बच्चे का अपहरण कर लिया, उसे घर ले गई और परिवार को बताया कि उसने बच्चे को जन्म दिया है। यह सब उसने कई महीनों तक गर्भवती होने का नाटक करने के बाद किया।

पुलिस ने बताया कि महिला नीतू सिंह को गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया गया और बच्चे को उसके असली माता-पिता पास वापस भेज दिया गया है। पुलिस के अनुसार, महिला कंसीव करने में सक्षम नहीं थी, इसलिए उसने गर्भवती होने का नाटक किया। पिछले महीने, वो सफदरजंग अस्पताल गई और 32 साल महिला से दोस्ती की, जो पेट दर्द का इलाज करा रही थी।

महिला बच्चे को लेकर अस्पताल से भाग गई

महिला ने पुलिस को बताया कि वो तीन दिनों के लिए अस्पताल में थी, जहां उसकी मुलाकात वेटिंग हॉल में नीतू से हुई। उसने कहा कि नीतू अक्सर अस्पताल आती थी, उसका हालचाल लेती थी और बुधवार को, लगभग 10.15 बजे, महिला कुछ खरीदने के लिए अस्पताल से बाहर निकली। उसने अपने तीन महीने के बच्चे को नीतू के पास छोड़ दिया, जो कथित तौर पर बच्चे को लेकर अस्पताल से भाग गई।

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पुलिस को दोपहर करीब 2 बजे सूचना दी गई और सीसीटीवी कैमरों को खंगाला गया। मामले से अवगत एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि उन्हें पता चला कि नीतू ने अपना बैग हॉल में छोड़ दिया था। बैग के अंदर मिले सामान, बस और मेट्रो टिकटों की मदद से पुलिस ने कहा कि वे उस ऑटो चालक का पता लगा सकते हैं जिसने कहा था कि उसने नीतू और बच्चे को रोहिणी के भीम राव अंबेडकर अस्पताल में छोड़ा था।

सीसीटीवी फुटेज की मदद से महिला तक पहुंची पुलिस

आरोपी दक्षिणी दिल्ली के अंबेडकर नगर का रहने वाला है। पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) (दक्षिण-पश्चिम) सुरेंद्र चौधरी ने कहा कि बीआर अंबेडकर अस्पताल पहुंचने पर, उन्होंने सीसीटीवी फुटेज देखी जिसमें नीतू एक बच्चे के साथ और दो लोगों को एक कार में प्रवेश करते हुए दिखाया गया था, जिसे ट्रैक किया गया और पाया गया कि ये उसके पति राजीव सिंह का वाहन था।

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राजीव ने पुलिस को बताया कि उसकी पत्नी ने उसे और उसके पिता को उसे अस्पताल से लेने के लिए बुलाया था, जहां उसने एक बच्चे को जन्म दिया था। ऐसे में नीतू और राजीव को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया। वहीं, बच्चे को उसके माता-पिता को वापस भेज दिया गया था।

डीसीपी ने कहा कि नीतू ने बच्चे का अपहरण करने की बात कबूल की क्योंकि वो चिकित्सा कारणों से गर्भधारण करने में सक्षम नहीं थी। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, “उसने अपनी गर्भावस्था के बारे में झूठ बोला और किसी ने उससे पूछताछ नहीं की। महीनों तक वो सच्चाई छिपाने के लिए उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में अपने माता-पिता और दोस्तों के घर जाती रही। पिछले हफ़्ते उसने अपने ससुराल वालों को फ़ोन करके बताया कि वो दिल्ली में है और अस्पताल में भर्ती है।”

अधिकारी ने कहा, “उसने उन्हें बताया कि उसने बीआर अंबेडकर अस्पताल में एक बच्चे को जन्म दिया है। पति और ससुर उन्हें घर ले आए और तुरंत इस बात पर ध्यान नहीं दिया कि बच्चा वास्तव में नवजात नहीं था।” उन्होंने कहा कि नीतू के पति और ससुराल वालों को इस बात की जानकारी नहीं थी कि बच्चे का अपहरण कर लिया गया है।