दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) के एक 33 वर्षीय पूर्व अस्थायी (Ad-Hoc) लेक्चरर समरवीर ने बुधवार को दिल्ली के रानी बाग इलाके में अपने आवास पर कथित रूप से आत्महत्या कर ली। पुलिस ने कहा कि मृतक समरवीर के परिवार ने आरोप लगाया है कि इस साल नौकरी से निकाले जाने के बाद से वह ‘अवसाद’ में था। हिंदू कॉलेज में फिलॉसफी पढ़ाने वाले समरवीर की इस साल फरवरी महीने में नौकरी चली गई थी। उन दिनों कॉलेज में स्थायी पदों पर नियुक्ति के लिए साक्षात्कार हो रहे थे।

DU नॉर्थ कैंपस में छात्रों- शिक्षकों का विरोध प्रदर्शन

समरवीर की खुदकुशी का मामला सामने आने के बाद गुरुवार को स्टूडेंट सड़क पर उतरे। डीयू के नॉर्थ कैंपस में समरवीर की खुदकुशी के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन का विरोध प्रदर्शन कर रहे स्टूडेंट्स को प्रोफेसर्स का भी साथ मिला। प्रदर्शनकारी छात्रों और शिक्षकों ने कहा कि कई वर्षों से दिल्ली विश्वविद्यालय में एडहॉक लेक्चरर के तौर पर पढ़ाने वाले शिक्षकों को स्थायी भर्ती के दौरान वरीयता दी जानी चाहिए। उन लोगों ने कहा, ‘अगर इस तरह (स्थायी पदों पर) नियुक्तियां की जाती रही, तो एक अच्छा विश्वविद्यालय खो जाएगा।’

दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ की पूर्व अध्यक्ष ने जताया गुस्सा

प्रदर्शन में शामिल डीयू के प्रोफेसर आभा देव हबीब ने कहा, ‘सभी कॉलेजों में लगभग पूरी तरह से और रामजस कॉलेज के इतिहास और सांख्यिकी विभाग जैसे विभागों में तदर्थ (AD-Hoc) शिक्षकों को विस्थापित किया जा रहा है। 10 साल तक पढ़ाने वाले शिक्षकों को दो मिनट के साक्षात्कार के आधार पर विस्थापित किया जा रहा है। इसकी जांच होनी चाहिए।’

दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (DUTA) की पूर्व अध्यक्ष नंदिता नारायण ने कहा, “जब वामपंथी DUTA में सत्ता में थे, हमने यह सुनिश्चित करने की कोशिश की थी कि बिना राजनीतिक संबद्धता को देखे तदर्थ शिक्षकों को बनाए रखा जाए। अब अनुभवी शिक्षकों को हटाया जा रहा है और अन्य लोगों को नियुक्त किया जा रहा है।”

अभी तक किसी भी साजिश का पता नहीं चला- दिल्ली पुलिस

समरवीर की खुदकुशी के मामले की जांच कर रहे पुलिस अधिकारी ने कहा कि अभी तक किसी भी साजिश का पता नहीं चला है। उन्होंने कहा कि बुधवार देर रात घटना के बारे में पीसीआर कॉल आने के बाद पुलिस टीम समरवीर के अपार्टमेंट में पहुंची। उसके कमरे के दो दरवाजे बंद थे। हरेंद्र के सिंह ने कहा कि पुलिस पूछताछ के दौरान समरवीर के चचेरे भाई ने खुलासा किया कि मृतक हिंदू कॉलेज में एक एड-हॉक लेक्चरर के रूप में काम कर रहा था। हाल ही में उनके स्थान पर दूसरे व्याख्याता की नियुक्ति हुई है। तब से वह अवसाद में था।

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दरवाजे की जाली काटकर निकाला शव, FSL ने लिए सैंपल

पुलिस उपायुक्त (बाहरी) हरेंद्र के सिंह ने कहा, “उनके घर की सबसे ऊपरी मंजिल में दो कमरे हैं। एक कमरे पर ताला लगा हुआ था। पहले लोहे के दरवाजे की जाली को काटा गया और फिर लकड़ी के दरवाजे को तोड़ा गया। वह अविवाहित थे। हम उन्हें एमवी अस्पताल ले गए जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।” सिंह ने बताया कि फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी की टीम को मौके पर बुलाया गया और कमरे से सैंपल लिए। पोस्टमॉर्टम गुरुवार को बीजेआरएम में किया जाएगा।’

दिल्ली यूनिवर्सिटी में स्थायी शिक्षकों की भर्ती पर बढ़ रहा हंगामा

दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) में पिछले कई महीनों से एड हॉक स्टाफ की जगह स्थायी शिक्षकों की भर्ती की जा रही है। इस प्रक्रिया में कई तदर्थ शिक्षकों को डीयू में कई वर्षों तक काम करने के बावजूद नौकरी से वंचित कर दिया गया है। इस साल जनवरी में दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने डीयू में 70 प्रतिशत से अधिक अस्थायी शिक्षकों के कथित विस्थापन पर दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति को पत्र लिखा था। उन्होंने स्थायी प्रोफेसरों के रूप में उनके समायोजन या भर्ती के लिए भी कहा था।